आज आप इस (How to speak English in Hindi) पोस्ट में अंग्रेजी बोलने के उस नियम को सीखेंगे जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूँ; यदि आप इस पोस्ट में सुझाए गए सभी नियम का पालन करते हैं; तो वह दिन दूर नहीं जब आप बिना रुके किसी के भी सामने बेधड़क अंग्रेजी बोलना शुरू कर देंगे.
इससे पहले कि आप इस (How to speak English in Hindi) पोस्ट को आगे पढ़ना जारी रखें, उससे पहले आप इस बात पर तहेदिल से विश्वास कर लें कि अंग्रेजी बोलना उतना ही आसान है जितना हिन्दी बोलना;
जिस तरह से आप हिन्दी वाक्यों को बोलते हैं, ठीक उसी तरह से English sentence मतलब अंग्रेजी वाक्य बोल सकते हैं.
अंग्रेजी बोलने का नियम तभी काम करता है जब आप अच्छी तरह से अभ्यास करने के लिए तैयार हों; अगर आप नियम याद रखेंगे और अभ्यास नहीं करेंगे तो आज क्या आप कभी भी अंग्रेजी बोलने की शुरुआत नहीं कर पाएंगे;
चलिए अब हम बिना देर किए (How to speak English in Hindi) पोस्ट में आगे बढ़ते हैं और हिन्दी से अंग्रेजी बोलने के नियम को सीखते हैं.
आज आप इस हाउ टू स्पीक इंग्लिश इन हिंदी (How to speak English in Hindi) पोस्ट में जानेंगे कि हिंंदी और अंंग्रेज़ी बोलने में क्या अंतर है ?
अगर हम दोनों भाषाओं में अंतर की बात करें तो इनमें सिर्फ एक अंतर दिखता है; और वह अंतर है वाक्य की बनावट मतलब हिन्दी वाक्य में क्रिया (verb) हमेशा अंत में होता है जबकि अंग्रेजी वाक्य में क्रिया हमेशा कर्ता (Subject) के ठीक बाद होता है; इसकेे अलावा दोनों भाषााओं में कोई अंतर नहीं होता है.
हिंदी बोलने में हम जिन पांच प्रकार के वाक्यों का प्रयोग करते हैं; उन्हीं पांच प्रकार के वाक्यों का प्रयोग अंग्रेजी बोलने में भी करते हैं;
नीचे हम एक-एक कर सभी पांच प्रकार के वाक्यों को सीखेंगे; तो चलिए बिना देर किए हम इस (How to speak English fast) पोस्ट मेंं हिंदी से अंग्रेजी बोलने के सही तरीके को सीखते हैं.
हिंदी से अंग्रेजी बोलना सीखने के लिए नीचे बताए जा रहे पांच प्रकार के वाक्यों को सीखना बहुत ही जरुरी है; अगर आप नीचे दिए गए सभी प्रकार के वाक्यों को अच्छे से समझ गयें;
तो आपके लिए अंग्रेजी बोलना आसान नहीं बहुत आसान हो जाएगा; सबसे पहले हम ‘Assertive Sentence’ के बारे में जानेंगेे जिसका प्रयोग हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में करते हैं.
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको बताना चाहूंगा कि अंग्रेजी के ‘Assertive Sentence’ को हिंदी में ‘कथनवाचक वाक्य’ के नाम से जाना जाता है; इसके दो भाग होते हैं; ‘साकारात्मक और नकारात्मक’ जिन्हें अंग्रेजी में ‘Affirmative’ और ‘Negative sentence’ कहते हैं; नीचे बताए गए Structures और examples को ध्यान से समझें.
Affirmative (सकारात्मक) – Subject + Verb (tense के अनुसार) + object + other word
ऊपर बताए गए सभी वाक्य सकरात्मक हैं; इनका प्रयोग Tense के अनुसार दोनों भाषाओं में किया जाता है; अब आप इस (How to speak English in Hindi) पोस्ट में जानेंगे नकारात्मक वाक्य के बारे में.
Negative Sentence (नकारात्मक वाक्य) – Subject + H.V. (सहायक क्रिया) + not + M.V. + object + other Word
मुझे उम्मीद है कि आपको ऊपर बताए गए कथनवाचक वाक्य (Assertive Sentence) समझ में आ गया होगा; यदि हां तो चलिए अब दूसरे प्रकार के वाक्य के बारे में बात करते हैं;
हिंदी से अंग्रेजी बोलते समय हम जिस दूसरे प्रकार के वाक्य का प्रयोग करते हैं उसे हम ‘प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentence) कहते हैं; इसका भी दो भाग होता है, पहला ‘Yes/No type question’ दूसरा ‘W.H. word type question’ चलिए स्ट्रक्चर और उदाहरण के माध्यम से सीखते हैं.
Yes/No Type Question – H.V. (सहायक क्रिया) + Subject + (not) + M.V. (मुख्य क्रिया) + object + other word + ?
W.H. Word Type Question – W.H. word + H.V. (सहायक क्रिया) + subject + (not) + M.V. (मुख्य क्रिया) + object + other word + ?
मैं आशा करता हूँ कि आपको इस How to speak English in Hindi पोस्ट में ऊपर बताए गए दोनों प्रकार के वाक्य ‘Assertive sentence’ और ‘Interrogative sentence’ अच्छे से समझ में आ गया होगा;
और यही नहीं आप इनका प्रयोग अंग्रेजी बोलने में बहुत ही आसानी से कर सकते हैं; अब आप तीसरे प्रकार के वाक्य के बारे में जानेंगे.
अब आप How to speak English in Hindi पोस्ट में सीखेंगे ‘Imperative sentence’ जिसे हम हिंदी में ‘आज्ञावाचक वाक्य’ कहते हैं; इस प्रकार के वाक्य की शुरुआत क्रिया के पहले रुप से होती है; यदि वाक्य नकारात्मक हो तो आप क्रिया के पहले ‘Don’t / Never’ का प्रयोग करते हैं;
Never का प्रयोग ‘कभी मत’ के अर्थ में किया जाता है. अगर वाक्य में अनुरोध का भाव हो तो वाक्य के पहले ‘please’ का प्रयोग करते हैं.
Imperative Sentence Structure – Verb का पहला रुप + object + other word
अब आप सीखेंगे चौथे प्रकार के वाक्य ‘Optative sentence’ जिसे हिंंदी में ‘इच्छा वाचक वाक्य’ कहते हैं; इसका का प्रयोग हिंदी और अंग्रेजी बोलते समय कैसे करते हैं;
नीचे सुझाए गए Structure और examples के माध्यम से वाक्य को समझने का प्रयास करें.
Optative Sentence Structure – May + subject + verb का पहला रुप + object + other word
ऊपर बताए गए सभी Optative sentences को पढ़कर ऐसा लग रहा है कि इस तरह के वाक्य का प्रयोग अपनी इच्छा जाहिर करने के लिए और आशीर्वाद देने के लिए किया जाता है.
अब आप आखिर और पांचवे प्रकार के वाक्य ‘Exclamatory sentence (विस्मयादिबोधक वाक्य) के बारे में जानेंगे; इस तरह के वाक्य का प्रयोग आश्चर्य, दुख और खुशी के भाव को व्यक्त करने के लिए किया जाता है.
Exclamatory Sentence Structure – Exclamatory word! + subject + verb (tense) के अनुसार + object + other word
मुझे उम्मीद है कि आप (How to speak English in Hindi) पोस्ट में बताए गए सभी प्रकार के वाक्यों को अच्छे से समझ गए होंगे और आप इनका प्रयोग अंग्रेजी बोलने में बहुत ही आसान तरीके से हिंंदी से अंंग्रेजी बोलने में कर सकते हैं;
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Hello Pradeep Sir, Really I am regular reader of yor blog your every post have contain deeper knowledge of subject, Your writing skill was perfect. all step in this artical superb, I like point very much ex. Imperative Sentence Structure etc.