इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला, Intraday Trading Formula 2023

आज इस पोस्ट के माध्यम‌ से आप जानेंगे‌ इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला (Intraday Trading Formula); अगर आप इस पोस्ट में‌‌ सुझाए गए सभी फॉर्मूलों को अच्छे से समझकर‌ अपने‌ ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में शामिल कर लेते हैं; तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं;

लेकिन आपको यह सच भी मानना होगा कि अभी तक ऐसा कोई अचूक फॉर्मूला नहीं बना है; जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में सौ प्रतिशत सफलता की गारंटी देता हो; पर इस बात की तसल्ली है कि कई ऐसे आजमाए हुए और परखे हुए इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूले हैं; जो आपको आपके इंट्राडे ट्रेडिंग कैरियर में सफल होने की संभावना को बढ़ा देते हैं। 

इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला, Intraday trading formula

यदि‌ आप शॉर्ट टर्म मार्केट मूवमेंट से‌ लाभ कमाना चाहते हैं; तो आपके लिए‌ इंट्राडे ट्रेडिंग‌ सोने पे‌ सुहागा है; पर इसके लिए आपके पास ट्रेडिंग से जुड़े सही ज्ञान और सही स्ट्रेटेजी का होना‌ बहुत ही जरुरी है।

आपके इसी कमी को दूर करने के लिए हम सफल और अनुभवी ट्रेडरों द्वारा मार्केट से अच्छा प्रॉफिट निकालने के लिए उपयोग किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला (Intraday trading formula) के बारे में बताएंगे; तो चलिए एक-एक कर‌ सभी फॉर्मूलों को मन‌ लगाकर समझते हैं –

Top 5 Intraday Trading Formula – अच्छा प्रॉफिट दिलाने वाले इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला

पहला फॉर्मूला – मूविंग एवरेज क्रॉसओवर‌ (Moving Average Crossover)

यह फॉर्मूला इंट्राडे ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाले फॉर्मूलों में से एक है; इस फॉर्मूले की मदद से आप अलग-अलग समय सारिणी के साथ दो मूविंग एवरेज का एनालिसिस कर सकते हैं, मतलब आप एक शॉर्ट टर्म और एक लॉंग टर्म एवरेज की मदद से यह पता लगा सकते हैं कि मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे गिरेगा;

चलिए इसे कुछ इस तरह से समझते हैं; जब छोटी अवधि का औसत मतलब शॉर्ट टर्म एवरेज लॉंग टर्म एवरेज से ऊपर चला जाता है, तो इस कंडिशन में हमें खरीदारी का संकेत मिलता है; और हमें स्टॉक में तेजी का पता चलता है; इसके बाद हम शेयरों की खरीदारी शुरू कर देते हैं;

ठीक इसका उल्टा, जब शॉर्ट टर्म एवरेज लॉंग टर्म एवरेज से नीचे चला जाता है, तो यह मार्केट में संभावित गिरावट का संकेत देता है; और ट्रेडर शेयर बेचना शुरू कर देते हैं। ट्रेडर अक्सर इस फॉर्मूले का प्रयोग यह जानने के लिए करते हैं कि उन्हें किस प्वाइंट पर शेयर को खरीदना है और कब बेचना है।

दूसरा फॉर्मूला – रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI)

यह फॉर्मूला इंट्राडे ट्रेडर के बीच दूसरा सबसे लोकप्रिय और सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाने वाला फॉर्मूला है; इस‌ फॉर्मूला का प्रयोग इंट्राडे ट्रेडरों द्वारा स्टॉक के प्राईस मूवमेंट की गति और मजबूती की गणना करने के लिए किया जाता है। 

आरएसआई मतलब रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स‌ जीरो और‌ सौ के बीच उतार‌-चढ़ाव करता है; जिससे हमें मार्केट में शेयरों की अधिक खरीद और अधिक बिक्री की स्थिति का पता चलता है;

जब आरएसआई 70 से ऊपर की रीडिंग दिखाता है; तो हमें यह संकेत मिलता‌ है कि मार्केट में शेयरों की बहुत ज्यादा खरीदारी‌ हो चुकी है; इस स्थिति में हमें खरीदारी नहीं करनी चाहिए; बल्कि‌ शेयरों को सेल करके मुनाफा कमाना चाहिए। 

इसका उल्टा, जब आरएसआई 30 से नीचे की रीडिंग दिखाए तो इसका मतलब होता है कि मार्केट में शेयरों की बहुत अधिक बिकवाली हो चुकी है; इस स्थिति में हमें शेयरों को सेल करके नहीं; बल्कि बाई करके लाभ कमाना चाहिए; 

सफल ट्रेडर शेयरों की खरीदारी और बिकवाली करने के लिए आरएसआई को अन्य टेक्निकल इंडिकेटर्स के साथ जोड़‌ देते हैं।

तीसरा फॉर्मूला – बोलिंगर बैंड (Bollinger Band)

इंट्राडे ट्रेडिंग में काम आने वाले फॉर्मूला बोलिंगर बैंड एक Volatility-Based Indicator है; जिसमें प्राइस चार्ट पर दिखने वाली तीन रेखाएँ होती हैं। बीच की रेखा स्टॉक की मूविंग एवरेज को दिखाती है, जबकि ऊपरी और निचली रेखा मतलब बैंड मूविंग एवरेज से स्टैंडर्ड डेवियेशन के बारे में जानकारी देता है। 

जब शेयर प्राइस ऊपरी बैंड को छूती है, तो इससे हमें यह पता चलता है कि स्टॉक की खरीदारी बहुत ज्यादा हो गयी है; और अब शेयर की प्राइस में संभावित उलटफेर हो सकता है।  

इसका उल्टा, जब शेयर की प्राइस निचले बैंड को छूती है, तो यह ओवरसोल्ड की स्थिति को दर्शाता है, और हमें शेयर खरीदने के अवसर का संकेत देता है; ट्रेडर अक्सर Volatility की पहचान करने और संभावित प्राइस ब्रेकआउट के बारे में जानने के लिए बोलिंगर बैंड का उपयोग करते हैं।

Some More Formulas For Intraday Trading – इंट्राडे ट्रेडिंग में काम आने वाले महत्वपूर्ण फॉर्मूले

चौथा फॉर्मूला – फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट ( Fibonacci Retracement )

इंट्राडे ट्रेडिंग का यह फॉर्मूला एक मैथमेटिकल फार्मूला है जिसका इस्तेमाल स्टॉक के प्राइस चार्ट में संभावित सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल की पहचान करने के लिए किया जाता है।  

इंट्राडे ट्रेडर फाइबोनैचि क्रम 0, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, आदि का प्रयोग करते हैं; और इसे महत्वपूर्ण प्राइस फ्लक्चुएशन मतलब उतार-चढ़ाव पर लागू करते हैं। 

फाइबोनैचि क्रम से निर्धारित रिट्रेसमेंट लेवल, जैसे 38.2%, 50% और 61.8% प्रमुख लेवल माने जाते हैं; जहां शेयर के प्राइस में उलटफेर या उछाल आ सकता है; इन लेवल्स का एनालिसिस करके ट्रेडर यह पता लगा सकते हैं कि उन्हें कब‌ शेयर खरीदना है और कब बेचना है।

पांचवा फॉर्मूला – वॉल्यूम एनालिसिस ( Volume Analysis) 

वॉल्यूम एनालिसिस इंट्राडे ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण भाग है, क्योंकि यह प्राइस मूवमेंट के पीछे की मजबूती और दृढ़ विश्वास की गहराई प्रदान करता है।  

ट्रेडिंग वॉल्यूम का एनालिसिस करने से ट्रेडर्स को प्राइस ट्रेंड की वैलिडिटी की पुष्टि करने या उस पर सवाल उठाने में मदद मिलती है। 

जब किसी स्टॉक की प्राइस उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम के साथ काफी बढ़ जाती है, तो यह मार्केट में एक मजबूत ट्रेंड का संकेत देता है।  

इसका उल्टा, यदि हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम के साथ प्राइस में गिरावट होती है, तो यह बिक्री के दबाव में वृद्धि का संकेत देता है। ट्रेडर अक्सर एक्सपर्ट ट्रेडिंग का निर्णय लेने के लिए अन्य टेक्निकल इंडिकेटर्स के साथ वॉल्यूम एनालिसिस का प्रयोग करते हैं।

 Conclusion –

हालाँकि जब इंट्राडे ट्रेडिंग करने की बात आती है तो इसमें हंड्रेड परसेंट सफल होने का कोई अचूक फॉर्मूला नहीं है, ऊपर बताए गए सभी फॉर्मूले संभावित ट्रेडिंग अवसरों की पहचान करने और रिस्क मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण टेक्निक्स के रूप में काम कर सकते हैं।

इस बात को हमेशा याद रखिएगा कि सफल इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए टेक्निकल एनालिसिस, रिस्क मैनेजमेंट और भावनात्मक अनुशासन का होना बहुत ही जरुरी है।  

ट्रेडर्स को अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी और जोखिम सहनशीलता के अनुसार इन फ़ार्मुलों का सावधानीपूर्वक परीक्षण और इसमें सुधार करते रहना चाहिए।  

शेयर मार्केट की अस्थिरता की ठोस समझ के साथ-साथ इन महत्वपूर्ण इंट्राडे ट्रेडिंग फ़ार्मुलों का उपयोग करके, ट्रेडर डे ट्रेडिंग की तेज़ गति वाली दुनिया में अच्छा रिजल्ट हासिल करने की संभावना को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं।

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