Sarkari Naukri अच्छी तैयारी के बाद भी क्यों नहीं मिलती है

Sarkari naukri करने का भूत पूरानी पीढ़ी से नई पीढ़ी को विरासत में मिला है और आज के दौर के युवा इस भूत को इतनी शिद्दत से चाहते हैं कि वे इसके लिए कुछ भी देने और लूटाने को तैयार बैठे हैं ।

मैं यह नहीं कहता कि Sarkari naukri खराब होती है; पर इसे पाने की लालच में आप जो समय गंवा देते हैं, वो समय दुबारा लौट के नहीं आता; आप अच्छे से जानते हैं कि जो समय की कद्र नहीं करता – समय उसकी कद्र नहीं करता ।

अगर आप अपने आस-पास ध्यान दें; तो आपको कुछ ऐसे पढ़े-लिखे लोग मिल जाएँगे; जो sarkari naukri के चक्कर में जिन्दगी में वह नहीं कर पाएँ जिसे करने की अपार संभावना और क्षमता थी; अब वो अपनी तैयारी और किस्मत को दोष देते हैं कि दोनों उनके लिए सही साबित नहीं हुयी ।

मैं जो कुछ भी इस पोस्ट में बता रहा हूँ उसपर आप विश्वास नहीं विचार करें; क्योंकि हर किसी का किसी चीज़ को हासिल करने की क्षमता और अनुभव दोनो अलग होता है; इसलिए आप कभी भी किसी की बातों पर विश्वास नहीं विचार करें; और अपने अनुभव और क्षमता को पहचानें ।

sarkari naukri अच्छी तैयारी के बाद भी क्यों नहीं मिलती है
Sarkari Naukri अच्छी तैयारी के बाद भी क्यों नहीं मिलती है

आज के जमाने में 100℅ Sarkari Naukri क्यों नहीं मिलती –

हमारे देश में सरकारी नौकरी कम है पर उसे पाने की चाहत रखने वालों की दादात बहुत ज्यादा है; अब जो बात मैं कहने जा रहा हूँ – वह कितनी सही और कितनी गलत है; आप खुद विचार करें – पहले जमाने में लोगों को sarkari naukri पाने की उतनी तमन्ना नहीं थी;

और वे इसके लिए अच्छी तैयारी भी नहीं करते थें; अगर पहले जमाने में 100 नौकरी पाने की चाहत रखने वाले छात्रों की संख्या में से 5 नौकरी पाने के लिए अच्छी तैयारी करते थें; तो आज के जमाने में 100 में से 95 लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए दिन-रात तैयारी में जूटे हैं ।

पहले के जमाने में जो 5 नौकरी पाने की अच्छी तैयारी करते थें; उन्हें 100℅ अच्छे पोस्ट पर नौकरी मिल जाती थी; और बचे हुए लोगों को भी छोटे पोस्ट के लिए चुन लिया जाता था; क्योंकि पहले के जमाने में sarkari naukri ज्यादा थी; और उसे करने की चाहत रखने वाले लोगों की संख्या बहुत कम थी ।

वे अपने घर के आस-पास के अच्छे और शुद्ध वातावरण में शुकुन की जिन्दगी बिताने में विश्वास करते थें; उन्हें अपनी खेती-बाड़ी करना अच्छा लगता था किसी की नौकरी नहीं मतलब वे बिंदास रहना पसंद करते थें ।

आज के दौर में आप क्या कहेंगे-100 सरकारी नौकरी पाने की चाहत रखने वाले छात्रों में से 95 लोग नौकरी पाने के लिए दिन रात प्रयास कर रहे हैं; और यही नहीं वे छोटे-से-छोटे पोस्ट पर जाने के लिए भी तैयार हैं;

पर वे इतने भाग्यशाली नहीं होतें कि उन्हें नौकरी मिल ही जाये – कारण Sarkari naukri की संख्या कम है; पर उसे पाने के लिए अच्छी तैयारी करने वालों की संख्या ज्यादा है ।

अपने अनुभव और क्षमता के आधार पर अपने भविष्य का निर्माण करें –

जिस दिन आदमी धरती पर गिरता है उसी दिन से वह अनुभव हासिल करना शुरु कर देता है; सबसे पहले रोने का अनुभव, फिर खाने का अनुभव; फिर धीरे-धीरे मुस्कुराने का अनुभव; और इस तरह हर किसी का अनुभव हासिल करने की यात्रा शुरु हो जाती है ।

बचपन से लेकर अबतक सबसे ज्यादा अनुभव किस बारे में रहा उसी के आधार पर आपके भविष्य का निर्माण होगा ।

आप चाहे जितना हांथ पैर चला लें आपको मिलेगा वही जिसमें आपका अनुभव और क्षमता सबसे ज्यादा है; इसलिए आप थोड़ा रुकें और खुद को पहचानें कि आप क्या कर रहे हैं, किसलिए कर रहे हैं; और इसको करके आप कहां तक पहुँचने वाले हैं ।

यदि आपका सपना Sarkari naukri करने का है पर बार-बार कोशिश करने के बावजूद आप असफल रह गयें; तो आपको यह सोच कर निराश नहीं होना चाहिए कि आपको sarkari naukri नहीं मिली; बल्कि आपको यह सोच कर खुश होना चाहिए कि ऊपर वाला आपके लिए और बेहतर अवसर तलाश रहा है ।

मैं आपको बताना चाहूँगा कि हर वह छात्र जो Sarkari naukri पाने के लिए अच्छी तैयारी करता है; पर उसे नौकरी नहीं मिलती; और उसकी कहानी हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर ए.पी.जी. अब्दूल कलाम की कहानी की तरह हो जाती है;

जब हमारे ए.पी.जी. अब्दूल कलाम जी आर्मी में भर्ती के लिए गए थें तो उन्हें छोटे कद की वजह से आर्मी में नहीं लिया गया मतलब उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिली । 

आप जानते हैं ऐसा क्यों हुआ – ऊपर वाला उनके लिए कोई दूसरा अवसर तलाश रखा था; मतलब उन्हें राष्ट्रपति बनना था तो वे आर्मी में भर्ती कैसे हो जातें ।

आपको Sarkari Result का इंतजार क्यों नहीं करना चाहिए –

आपको पता होना चाहिए कि इंतजार करने वाले हमेशा हारते हैं; जीतता वही है जो लगातार प्रयास करता है रिजल्ट की चिंता नहीं करता ।

आपको खरगोश और कछुए की कहानी याद होगी – कछुए की चाल खरगोश से बहुत कम थी; पर लगातार चलते रहने से अंत में कछुए की जीत होती है;

और खरगोश तेज भागने की बावजूद होर गया जानते हैं क्यों; क्योंकि उसे अपनी तेज चाल पर इतना विश्वास हो गया था कि वह लक्ष्य को भूल कर साे गया ।

आप ऐसी गलती बिल्कुल मत करिए अगर सरकारी रिजल्ट अच्छा नहीं आ रहा है; तो आपकी तैयारी और जबरदस्त हो जानी चाहिए और आपकी नज़र रिजल्ट पर नहीं तैयारी पर होनी चाहिए ।

आप यह सोचकर खुश न हों कि आप जो तैयारी कर रहे हैं; वो सबसे अच्छा है – क्योंकि आपके आस-पास कोई ऐसा भी होगा जो आप से बेहतर तैयारी में जूटा होगा; अगर आप तीन घण्टें पढ़ रहे हैं तो कोई पांच घण्टें पढ़ रहा होगा;

यदि पांच घण्टें पढ़ रहे हैं तो कोई ऐसा भी होगा जो दस घण्टें पढ़ रहा होगा; आपको इससे यह सीखना चाहिए कि आप कितनी भी अच्छी तैयारी कर लें; पर वह तैयारी सफल होने के लिए हमेशा कम होती है ।

अधुरी तैयारी करने से आपको न तो अनुभव हासिल होगा; और नहीं आपकी क्षमता बढ़ेगी –

आप जबरदस्त तैयारी करते रहिए; और खुद को परखते रहिए कि आप किस फिल्ड में सबसे ज्यादा काबिल हो गए हैं क्योंकि आपका सुनहरा भविष्य उसी फिल्ड में होगा । 

आप हमेशा यह याद रखियेगा कि आधी अधुरी तैयारी करने से आपको न तो अनुभव हासिल होगा; और नहीं आपकी क्षमता बढ़ेगी; आप जहाँ हैं हमेशा अपने आपको वहीं पाएँगे ।

आप खुद से वादा करिए कि आप sarkari naukri पाने के लिए जबरदस्त तैयारी करेंगे और अगर नौकरी नहीं मिली; तो आप निराश होने के बजाय अपने अनुभव और क्षमता के आधार पर अपने भविष्य का निर्माण करेंगे;

अगर आप यह निर्णय लेते हैं कि आप अंतिम सांस तक सफल होने के लिए जबरदस्त तैयारी करेंगे; तो ऊपर वाले की नज़र आप पर और आपकी तैयारी पर हो जाती है; अगर आप इमानदारी से बिना रुके तैयारी में जूटे रहते हैं; तो वह आपको मरने से पहले सफल बना देता है ।

आपको sarkari naukri से संबंधित यह पोस्ट पढ़कर कैसा लगा ? अगर आपको अच्छा लगा तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें; शायद वे हारने के बाद एक बार फिर खड़े होकर चलना शुरु कर दें । 

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