Best Short Motivational Stories In Hindi

आज आप इस पोस्ट के माध्यम से पढ़ेंगे Short motivational stories in Hindi; इस पोस्ट में दिए गए सभी Motivational story in Hindi बहुत ही रुचिकर और प्रेरणादायक है;

यदि आप जीवन में एक के बाद एक महान सफलता हासिल करना चाहते हैं तो यहाँ पर दी जा रही यह प्रेरणादायक कहानी आपको अपने लक्ष्य पर अमल रहने और हिम्मत बनाए रखने में आपकी मदद करेगी.

आप तो अच्छी तरह जानते हैं “डूबते को तिनके का सहारा” बस यहाँ पर दी जा रही इस Short motivational story in Hindi, उसी तिनके की तरह आपको भी मुसीबत से बाहर निकलने में सहारा देगी.

आप इस बात को झूठला नहीं सकते कि जब आप जीवन में सफलता हासिल करने के लिए आगे बढ़ते हैं तो आपके रास्ते में एक से बढ़कर एक मुसीबत आती रहती है;

और उस मुसीबत से लड़ने के लिए आपको जरूरत पड़ती है, प्रेरणा की जो आपके इरादों और हिम्मत को मजबूत बना सके; और आपको आपकी मंजिल तक पहुँचा सके; है-ना? ( Best Motivational stories in Hindi)

बहरहाल, यह प्रेरणा आपको मिलेगी कैसे? चिंता मत करिए यहाँ पर दी जा रही इस Inspirational story in Hindi, आपको उस प्रेरणा से भर देगी जिसकी आपको हर कदम पर जरूरत पड़ेगी;

मैं आशा करता हूँ कि आप यहाँ यहाँ बताई जा रही इस Short motivational stories in Hindi को बहुत ही ध्यान से पढ़ेंगे; अपने जीवन में उतारेंगे और सफलता हासिल करेंगे.

Read Short Motivational Stories In Hindi And Succeed In Your Life

जो कहानी आज आप पढ़ने जा रहे हैं; इसमें उतनी ही सच्चाई है जितनी हमें जीने और तरक्की करने के लिए जरुरी है । मैं अगर आपसे सच कहूँ तो जीतने की चाहत आदमी को किसी भी हालात में मजबूत बना देती है ।

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एक कहावत है जो इस कहानी पर सटीक बैठता है कि लोहे को जितना अधिक तपाओगे उतना ही अधिक मजबूत होता जाएगा ।

पीकू चायवाले की कहानी भी कुछ इसी तरह से है, अभी आपको उसके नाम में हल्कापन महसूस होगा पर जैसे-जैसे आप उसके बारे में जानते जाएँगे उसके नाम का वजन बढ़ता जाएगा ।

पीकू नाम कुछ भी नहीं था पर दिल्ली ने उसे चायवाला नाम देकर उसे ब्रांड बना दिया । ( Best Motivational stories in Hindi)

शायद आप सोच रहे होंगे कि दिल्ली में एक से बढ़कर एक चायवाले हैं पर पीकू चायवाले की इतनी चर्चा क्यों उसके नाम पर यह कहानी क्यों ?

तो मैं आपको बताना चाहूँगा कि उसके जीवन संघर्ष की कहानी किसी भी इंसान को फर्श से अर्श तक ले जा सकती है जबकि बाकि दिल्ली में चायवाले आपको लाजवाब चाय बनाकर पीला सकते हैं और आप उनकी तारीफ़ कर सकते हैं । ( Best Motivational stories in Hindi)

पीकू मात्र दस साल का था जब उसके पड़ोस का चाचा उसे पढ़ाई कराने के नाम पर उसे बिहार से दिल्ली लाया था । बहरहाल, उसने कभी स्कूल का मुँह नहीं देखा । उसकी जब भी आँख खुलती थी, उसका चाचा उसे चाय की दुकान का सारा काम सौंप देता था ।

गाँव में रहने वाला पीकू का परिवार उसे इस उम्मीद से दिल्ली भेज दिया था कि उनका पीकू पढ़ लिखकर एक काबिल इंसान बन जाएगा; वहीं दूसरी तरफ पीकू अपने परिवार के पास जाने के लिए तड़प रहा था,

उसे खाने के नाम पर रुखी-सूखी रोटी के साथ प्याज का एक टूकड़ा और पहनने के लिए फटे-पूराने कपड़े मिलते थे । ( Best Motivational stories in Hindi)

चाहे कुछ भी हो पीकू के लिए संघर्ष भरा जीवन अभिशाप नहीं वरदान साबित हुआ, जाने वह कौन-सी ऐसी बात थी जो पीकू चायवाले को ब्रांड बना दिया ।

उसके साथ जो भी घटनाएँ होती थी, उसकी जिन्दगी उसके हाँथ से फिसल सकती थी पर उसके साथ कभी ऐसा हुआ नहीं शायद वह छोटी उम्र में ही जीवन को संभालना और समझना सीख गया था ।

उसे डरा धमका कर कई बार दबाने की कोशिश की गयी पर वह ना जाने किस मिट्टी का बना था कि जितनी बार उसे दबाया जाता था उतनी बार जबरदस्त तरीके से उठता था और एक नई कहानी रच देता था जो अविश्वसनीय होती थी ।

चलिए जानते हैं पीकू चायवाले के जीवन संघर्ष की पूरी कहानी जिसे जानने के बाद आप कभी अपने हालात के लिए अपनी किस्मत को दोष देने के बजाए आप संघर्ष करेंगे और हार ने के बाद भी जीतने के लिए खड़ा हो जाएँगे………………( Best Motivational stories in Hindi)

अध्याय-एक – पीकू और उसका परिवार – Best Motivational Story In Hindi

पीकू बिहार के एक लापता गाँव से था जिसका जिक्र दूर-दूर तक नहीं था । पीकू के पास परिवार के नाम पर एक बिमार बाप जो अपनी जिन्दगी के बचे हुए पलों को सोकर बीताने के लिए मजबूर था ;

वहीं दुसरी तरफ पीकू की माँ अपने पति की सेवा में इस कद्र लगी हुई थी जैसे उसे पति धर्म पालन करने का खिताब दिया जाना था ।

पीकू का एक बड़ा भाई था जो मेहनत मजदूरी कर परिवार के लिए दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में लगा रह था जबकि पीकू मात्र दस साल का जिसे कोई कुछ भी करने को नहीं कहता था ; कहे भी तो कैसे दस साल का पीकू खेलने के सिवाय कुछ कर भी तो नहीं सकता था । ( Best Motivational stories in Hindi)

बहरहाल, वह भी परिवार की उम्मीद का एक हिस्सा था जिसे आज नहीं तो कल कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा पर क्या करना पड़ेगा इस बात से वह बिल्कुल अंजान था ।

एक शाम पीकू अपने भाई को खाली बैठे देखकर उसके पास गया और उसके बगल में बैठ गया । उसके मन में कुछ सवाल थे जिसे वह अपने भाई से पूछना चाहता था ।

वह कुछ देर तक बिना कुछ कहे बैठा रहा , शायद वह अपने सवालों के जवाब बहुत ही आराम से चाहता था ।

“ आज तुम यहाँ कैसे ?” पीकू के सवाल करने से पहले उसका भाई उससे पूछा, “ क्या तुम्हें आज खेलने नहीं जाना ?” ( Best Motivational stories in Hindi)

“ नहीं भईया, “ पीकू थोड़ा गंभीरता से बोला, “ मुझे आपसे कुछ पूछना है !”

“ पूछो, क्या पूछना चाहते हो ?”

“ भईया, हमें अच्छे-अच्छे पहनने को कपड़े, खाने को खाना और रहने को अच्छा घर कब मिलेगा ?”

“ मिलेगा बाबू, “ पीकू का बड़ा भाई पीकू को दिलाशा देते हुए कहा, “ जब तुम भी कुछ करने लगोगे तो हमारे पास वह सब कुछ होगा जो तुम चाहते हो ।“ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ पर भईया, मैं करुँगा क्या ? “

“ अभी तुम क्या कर सकते हो – तुम अभी बहुत छोटे हो ! “ पीकू के सर पर हाँथ फेरते हुए उसका भाई बोला, “ अभी तुम्हारी उम्र खेलने-खाने की है । “

“ पर भईया, हमें खाने को अच्छे से मिलता कहाँ है । “ पीकू दुखी मन से बोला, “ एक दिन मिलेगा तो दूसरे दिन नहीं । “

“ पीकू, मुझसे जितना हो पाता है उतना मैं करता तो हूँ ; अगर पिता जी के दवा-दारु में खर्च न होता तो मैं तुम्हें अच्छे से खिलाता और पढ़ने के लिए शहर भी भेजता, मेरे भाई ! “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ मैं छोटा हूँ, तो क्या मैं कुछ नहीं कर सकता, भईया ? “ पीकू उदासी भरे लफ्जों में बोला, “ कुछ न कुछ तो ऐसा होगा जो मैं कर सकता हूँ । “ 

“ इस बारे में तुम्हें खुद सोचना पड़ेगा । “ पीकू के भाई ने कहा और उसे सोचने के लिए अकेला छोड़कर चला गया ।

क्या पीकू सच-मुच कुछ नहीं कर सकता? – Read Best Motivational Stories In Hindi

पीकू वहीं बैठे-बैठे गंभीरता से सोचने लगा कि अभी मैं तो बहुत छोटा हूँ – मैं क्या कर सकता हूँ ? भईया को कुछ न कुछ तो बताना ही चाहिए था, ऐसे उठकर नहीं जाना चाहिए था ।

मैं क्या करुँ – मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है; खैर, कल मैं पूरे दिन घूमूँगा और देखूँगा कि लोग क्या-क्या करते हैं; क्या मेरे लिए कुछ करने को है ।

पीकू यह सब बात सोचने के लिए बहुत ही छोटा था पर हालात उम्र का मोहताज़ नहीं होता ; यह किसी को भी सोचने के लिए मजबूर कर ही देता है।

ठीक दूसरे दिन पीकू पूरा दिन घूमा पर उसे कोई काम समझ में नहीं आया जिसे वह करके कुछ पैसे बना ले और वह सब कुछ खरीद पाए जो उसे चाहिए था । ( Best Motivational stories in Hindi)

दिन भर घूमने के बाद वह थका-हारा एक रेलवे लाईन के किनारे बैठा था; यह रेलवे लाईन लापता गाँव से ज्यादा दूर नहीं था, इस रेलवे लाईन पर हर घण्टे कई ट्रेनें गुजरती थीं जिनमें से एक दो ट्रेनें सिगनल न मिलने पर कुछ समय के लिए रुक जाती थीं ।

पीकू चुपचाप रेलवे लाईन के किनारे पसरे सन्नाटे में बैठकर अपने हालात के बारे में सोच ही रही था कि इस बीच सन्नाटे को चिरती हुई एक ट्रेन रेलवे लाईन पर आकर रुकी । ( Best Motivational stories in Hindi)

यह ट्रेन कुछ समय तक रुकने वाली थी क्योंकि अंदर बैठे यात्रियों में से कुछ ट्रेन से बाहर आ गए थे । उनमें से कुछ को पानी की तलाश थी पर नलकूप रेलवे लाईन से काफी दूर होने की वजह से वे ट्रेन छूटने का खतरा मोल नहीं लेना चाहते थे;

इसलिए उन्होंने पास बैठे पीकू से पानी का बॉटल भर लाने को कहा । ( Best Motivational stories in Hindi)“ साहब, मैं दौड़कर बॉटल तो भर लाऊँगा पर मैं

“ पीकू ने बॉटल पकड़ते हुए कहा, “ एक बॉटल का पांच रुपए लूँगा अगर मंजूर हो तो मैं जाऊँ ! “

“ हाँ , हमें मंजूर है । “ सभी यात्रियों ने सहमति में सिर हिलाया और पीकू उन्हें पांच रुपए में एक बॉटल पानी लाकर देने लगा ।

थोड़ी सी मेहनत करके पीकू ने इस काम से सौ रुपए कमाए, वह बहुत खुश था क्योंकि उसे समझ में आ गया था कि उसे अब करना क्या है;

उसे एक छोटा-सा बिजनेस मिल गया था जिसमें लगना कुछ नहीं था पर पीकू को फायदा अच्छा दिख रहा था । ( Best Motivational stories in Hindi)

क्या पीकू इस काम को ध्यान से कर सकेगा? Read Best Motivational Stories in Hindi

उस दिन रात होने से पहले पीकू सौ रुपए के साथ घर पहुँचा । जब उसने दिन भर की पूरी कहानी अपने परिवार को बताई तो परिवार का हर सदस्य हैरान था कि मात्र दस साल का पीकू इतना समझदार और चालाक कैसे हो सकता है ।

पीकू की समझदारी और चालाकी भरी कहानी को सुनकर पूरे परिवार को यह विश्वास हो गया था कि अगर उनके पास पैसा होता और वे पीकू को स्कूल भेजते तो वह पढ़-लिखकर एक समझदार और काबिल इंसान बनता जिससे घर की सारी गरीबी दूर हो जाती । ( Best Motivational stories in Hindi)

“ पीकू, इस सौ रुपए से तुम अपने लिए क्या खरीदने वाले हो ? “ पीकू का भाई उसे अपने पास बैठाते हुए पूछा, “ मैं चाहता हूँ कि तुम अपने लिए एक चप्पल खरीद लो और अपने मन पसंद की चीज़ खरीद कर खा लो । “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ नहीं भईया, इस पैसे से मैं दो प्लास्टिक का बाल्टी खरीदूँगा । ““ दो प्लास्टिक का बाल्टी क्यों ? “ पीकू का भाई अधीरता से कहा, “ अपने घर में तो बाल्टी है । “

“ भईया, वह बाल्टी बहुत भारी है, मैं उसमें पानी भर कर नहीं उठा सकता ।“ पीकू बोला, “ अगर मैं दो छोटी बाल्टी खरीद लूँ जिसमें मैं पानी भर कर उठा सकूँ तो मुझे भाग-भाग कर पानी नहीं भरना होगा; एक बार दोनों बाल्टी भर लूँगा तो मैं कई लोगों को पानी दे सकता हूँ । “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ मतलब , तुम अपने बिजनेस के लिए बाल्टी खरीदना चाहते हो ।“ “ बिजनेस मतलब, भईया । “

“ बिजनेस का मतलब तुम किसी के अन्दर काम नहीं कर रहे हो; जब चाहे करो – नहीं तो मत करो कोई तुम्हें रोकने टोकने वाला नहीं है- इसी को बिजनेस कहते हैं । “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ अच्छा, भईया ! इसी को बिजनेस कहते हैं । “ पीकू थोड़ा खुश होकर बोला, “ मतलब मैं बिजनेस कर रहा हूँ ।“

“ हाँ, पीकू, यह तुम्हारा अपना बिजनेस है । “

“ बिजनेस नाम अच्छा लग रहा है । “ पीकू ने कहा और उसके चेहरे पर एक छोटी-सी मुस्कुराहट आयी जिसे देखने के लिए उसका परिवार तरस गया था ।

क्या पीकू का परिवार इस बिजनेस में उसका साथ देगा? Best Intresting Motivational Story in Hindi

दूसरे दिन पीकू दो बाल्टी के साथ  रेलवे लाईन के पास पहुँच गया, इस दिन पीकू को ज्यादा भाग दौड़ नहीं करना पड़ा क्योंकि जब ट्रेन नहीं होती थी तो वह नलकूप से दोनों बाल्टी भर लेता था और जब ट्रेन होती थी तो अपना बिजनेस करता था ।

पीकू छोटा था पर था बहुत समझदार क्योंकि जब भी कोई यात्री बॉटल में पानी भरवाता था तो वह सबसे पहले उससे पैसा लेता था; शायद इसलिए कि जब भी ट्रेन छूटे तो उसका नुकसान न हो । ( Best Motivational stories in Hindi)

एक-दो महीने पीकू का धंधा अच्छा चला पर धीरे-धीरे धंधा मंदा पड़ने लगा क्योंकि पीकू का देखा देखी पूरा गाँव ही इस बिजनेस में उतर आया । अब पीकू के लिए दस-बीस कमाना भी महंगा हो गया ।

आखिर में पीकू को मैदान छोड़कर भागना पड़ा – Read Motivational Stories in Hindi For Success

प्रतिस्पर्धा इतनी बढ़ गयी कि पीकू को मैदान छोड़कर भागना पड़ा; अगर समय रहते वह मैदान न छोड़ता तो वह लोगों के पैरों तले कूचल जाता । 

पीकू के पास काम न होने की चिंता पीकू के साथ-साथ उसके परिवार को भी सता रही थी और क्यों न हो पीकू जो भी कमाता था, उसमें परिवार की कई जरूरतें पूरी हो रही थी और उन्हें इसकी आदत लग गयी थी ।

दस साल के पीकू का घर पर बैठना परिवार के लिए बोझ लग रहा था । पीकू का भाई उसके लिए काम की तलाश करता रहता था,इस बीच  उसकी मुलाकात उसके पड़ोस के चाचा से हुई जिसे दिल्ली से आए हुए दो-तीन दिन हुआ था । ( Best Motivational stories in Hindi)

पीकू के भाई ने उसे पीकू की पूरी कहानी बताई तो वह पीकू से मिलने के लिए घर आने को कहा ।

यह सही कहा गया है कि जब बच्चे काम नहीं करते तो वे बच्चे होते हैं और जब काम में हांथ डाल देते हैं तो वे बड़े हो जाते हैं और उनके परिवार को यह फर्क नहीं पड़ता कि वे दस साल के हैं या पंद्रह साल के  । ( Best Motivational stories in Hindi)

पीकू के साथ भी कुछ इसी तरह से हो रहा था, जब वह खेल का था तो वह अपने परिवार के लिए छोटा पीकू था जो अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कर सकता था और जैसे ही उसने काम में हांथ डाल बच्ची से बड़ा हो गया था ।

उसका परिवार यह चाहिए रहा था कि जल्द से जल्द पीकू काम पर लग जाएगा वरना घर की हालत बद से बदतर हो जाएगी.

पीकू इस बात से अंजान था कि वह अब अपने परिवार के लिए छोटा नहीं था, वह अब बड़ा हो गया था ।

उसे अब घर की सारी जिम्मेदारी लेकर चलना होगा वो भी किसी कीमत पर चाहे उसकी हिम्मत उसका साथ दे या न दे ।

पीकू के पड़ोस वाले चाचा उससे मिलने उसके घर आए जो दिखने में किसी अड़ियल साँड की तरह लगते थे । जब पीकू बहुत छोटा था तो वह उनसे बहुत डरता था । ( Best Motivational stories in Hindi)

उसे आज भी याद है, जब भी पड़ोस का चाचा उसे देखता था तो वह उससे कान काट लेने की बात कहा करता था ।

पीकू का चाचा उसके घर किस मकसद से आया था? Read Motivational Stories in Hindi

“ क्या तुम्ही पीकू हो ? “ पड़ोस का चाचा कुर्सी में बैठते हुए कहा, “ तुम तो बहुत जल्दी बड़े हो गये ! तुम्हारा भाई दीनू कहाँ है ? बुलाकर ससुरा गायब हो गया । “

“ भईया दुकान पर गये हैं-कुछ लेने । “ पीकू थोड़ा सहमी आवाज़ में बोला । “ जाऊँ बुलाकर लाऊँ ? “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ नहीं, रहने दो, आ जाएगा । तुम्हारी माँ कहाँ है ? “

“ वो पापा को लेकर शहर दवा के लिए गयी हैं, शाम तक आ जाएँगी, “ पीकू बोला और दरवाजे की तरफ इशारा किया, “ भईया आ गये ! “

“ नमस्ते ! चाचा जी, “ पीकू का भाई दीनू बोला, “ कैसे हैं ? “

“ मैं तो ठीक हूँ, अपना बताओ, क्या हो रहा है ? “

“ चाचा जी आप तो सब जानते हैं,” दीनू, पीकू का भाई थोड़ा गंभीरता से बोला, “ आपसे क्या छिपाना; बहुत मुश्किल से घर की दाल रोटी चल रही है- एक दिन खाने को मिलता है तो दूसरे दिन नहीं; बस यही सब है ! “

पीकू बिना कुछ बोले बाहर अपने दोस्तों के साथ खेलने चला गया । उसे क्या पता कि आगे की जो कहानी रची जा रही है उसका हीरो है और पड़ोस का चाचा गद्दार । ( Best Motivational stories in Hindi)

“ तो दीनू , जो मैंने कहा  था, उसके बारे में अपनी माँ से बात किये कि नहीं ? “ पडो़स के चाचा ने कुटिलता से मुस्कुराते हुए कहा, “ अगर सब राजी हो जाएँ तो तुम्हारे घर की माली हालत ठीक हो जाएगी । “ ( Best Motivational stories in Hindi for students)

“ माँ की तरफ से हाँ है,” दीनू ने कहा, “ पर पीकू को कौन समझाएगा ? “

“ पीकू को समझाने का काम मुझ पर छोड़ दो । “ पड़ोस के चाचा ने कहा । “ मेरा नाम तो जानते हो, तुम ! “

“ हाँ, गब्बर ।“ 

“ बस यह समझ लो कि गब्बर ने जो ठान लिया उसे करके ही मानता है । “ पडो़स का चाचा, गब्बर ने थोड़ा रौब झाड़ते हुए कहा, “ पीकू क्या चीज़ है । “

“ हाँ , यह तो है । “ पीकू का भाई दीनू  थोड़ा मुस्कुराते हुए बोला, “ आप हमें इसके बदले दो लाख रुपए देंगे ना ? “

“ देंगे क्या, हम तो रुपए लेकर आए हैं, “ अड़ियल गब्बर ने दीनू के हांथ में दो लाख रुपए रखते हुए कहा, “ कल मैं दिल्ली जा रहा हूँ, पीकू का सामना बांध देना । मैं कल सुबह आऊँगा और पीकू को समझा कर ले जाऊँगा, ठीक है । “

“ ठीक है, चाचा जी , “ 

“ तो अब मैं चलता हूँ, “ गब्बर चाचा कुर्सी से उठने हुए बोला, “ तो फिर कल मिलते हैं, सब कुछ तैयार रहे । “ 

“ सब कुछ तैयार रहेगा, आप बिल्कुल चिंता न करें । “ पीकू का भाई दीनू ने खुश होकर कहा । 

क्या पीकू सच-मुच दिल्ली जाकर अमीर आदमी बन जाएगा? Motivational Stories in Hindi

गब्बर चाचा के जाने के बाद दीनू ने पीकू को आवाज़ लगाकर अंदर बुलाया । वह आज दो लाख रुपए पाकर जितना खुश था उतना अपनी जिन्दगी में कभी  हुआ था ।

गरीबी आदमी को कौन-कौन सा दिन दिखाती है, दीनू पैसा पाकर इतना खुश था कि उसे भाई के चले जाने का गम भी नहीं रह गया था ।

उसने पीकू को यह बात नहीं बतायी कि उसकी वजह से घर में दो लाख रुपए आ गए थे । उसे तो सिर्फ इतना बताया गया कि उसकी किस्मत बदलने वाली है;

उसे अब खाने के लिए अच्छा खाना, पहनने के लिए अच्छे कपड़े मिलेंगे और यही नहीं अब वह स्कूल भी जाएगा । ( Best And True Motivational stories in Hindi)

यह सब सुनकर पीकू की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, उसे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इतनी जल्दी किस्मत उस पर मेहरबान कैसे हो गयी ।

“ भईया, क्या मैं सचमुच स्कूल जाऊँगा ? “ पीकू ने अपने भाई दीनू से कहा, “ कहीं आप झूठ तो नहीं बोल रहे हैं ! ” नहीं पीकू, यह सब सच है, बस तुम कल तक का इंतजार करो । “

“ मतलब, भईया ! “

“ मतलब गब्बर चाचा के आने के बाद ही पता चलेगा । “

“ गब्बर चाचा के आने के बाद ! “

“ हाँ, गब्बर चाचा के आने के बाद, “ दीनू ने थोड़ा सख्त लहजे में कहा “ मुझे लगता है अब तुम्हारा भविष्य उनके हांथ में है । “

“ भईया, आप क्या कह रहे हैं; “ पीकू गंभीरता से कहा, “ मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है ! “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ तुम ज्यादा समझने की कोशिश मत करो, जाकर अपना सामान बांध लो; कल तुम्हें सब कुछ समझ में आ जाएगा । “

“ कहीं आप लोग मुझे उनके साथ तो नहीं भेज रहे हैं ! “

“ मैंने कहा न कल तुम्हें सब कुछ समझ में आ जाएगा, “ दीनू एक बार फिर सख्त लहजे में बोला, “ जैसा मैंने कहा, जाकर करो-अपना सामान बांध लो । “

“ सामान बांधने का क्या मतलब है; यही ना कि मुझे कल कहीं जाना है ! “

“ तुम्हें खाने के लिए अच्छा खाना चाहिए ? “

“ हाँ ! “

“ तुम्हें पहनने के लिए अच्छे कपड़े चाहिए ? “

“ हाँ ! “

“ तुम भी स्कूल जाना चाहते हो ? “

“ हाँ ! “

“ तो फिर ज्यादा सवाल मत करो ! “ दीनू ने पीकू को सख्त लहजे में सवाल न करने की हिदायत दी ।

पीकू बिना कोई सवाल जवाब किए वही किया जो उसके भाई और माँ ने कहा । अगली सुबह उसके साथ क्या होने वाला था; इस उधेड़बुन में वह पूरी रात नहीं सोया । उसे घर से जाने और परिवार का साथ छूटने का गम इतना सता रहा था कि उसने पूरी रात रोते हुए गुजार दी ।

अध्याय-दो – बिहार से दिल्ली – Best Motivational Story In Hindi

अगले दिन तड़के सुबह पीकू के पड़ोस के गब्बर चाचा उसे लेने उसके घर आ धमके । पीकू इस बात से काफी उदास था कि उसका घर और परिवार उससे छूटने जा रहा था ।

उस पर किसी को तरस नहीं आ रहा था; आए भी तो क्यों-गब्बर चाचा ने उसके परिवार को यह विश्वास दिला दिया था कि अगर पीकू उनके साथ जाएगा तो उसे खाने के लिए दो वक्त का अच्छा खाना, पहनने को अच्छे कपड़े और वह पढ़-लिख जाएगा ।

क्या पीकू अपने गब्बर चाचा के साथ दिल्ली जाएगा या नहीं – Best Motivational Stories In Hindi

“ दीनू, तुम्हारा भाई पीकू नहीं दिख रहा है ।“ गब्बर चाचा ने आँगन में पड़ी कुर्सी में बैठते हुए कहा जिनकी की आँखें पीकू को तलाश रही थीं, “ कहीं वह बाहर खेलने तो नहीं चला गया ? “

“ नहीं, वह तो घर में ही है ! “ पीकू का भाई दीनू बोला, “ वह रात से ही उदास है; वह घर छोड़कर जाना ही नहीं चाहता है । “

“ अब वह चाहे या न चाहे; उसे तो जाना पड़ेगा । “ गब्बर चाचा ने सख्त लहजे में कहा, “ तुम पूरी कीमत ले लिए हो उसे तो जाना ही पड़ेगा-चाहे कुछ भी हो ! “

“ मैं कहाँ कह रहा हूँ कि वह नहीं जाएगा, “ दीनू बुझे मन से बोला, “ वह बस उदास है । “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ जाओ पीकू को लेकर आओ । “

“ अभी मैं रुलाता हूँ, “ दीनू ने आवाज़ लगायी, “ माँ, पीकू को लेकर आओ, गब्बर चाचा बुला रहे हैं । “

दीनू के आवाज़ लगाने के थोड़ी देर बाद पीकू की माँ पीकू को लेकर कमरे के बाहर आँगन में  आयी । रो-रो कर पीकू की आँखें लाल हो गयी थीं ।

उसकी माँ उसे गब्बर चाचा के पास ले गयीं । पीकू गब्बर चाचा से अपनी आँखें चुरा रहा था; शायद वह यह कोशिश कर रहा था कि वह उसकी आँखों के सामने से गायब हो जाये ।

“ बेटा, तुम इतना उदास क्यों हो ? गब्बर चाचा ने पीकू का हाँथ पकड़ अपनी ओर खींचते हुए कहा, “ मैं तुम्हें अपने साथ दिल्ली ले चल रहा हूँ । “

“ मैं नहीं जाऊँगा ! “ पीकू रुँधे गले से बोला, “ मैं अपनी माँ को छोड़कर कहीं नहीं जाऊँगा । ” ( Best Motivational stories in Hindi)

“ तुम क्या चाहते हो कि “ गब्बर चाचा ने कहा, “ तुम्हारा परिवार इस गरीबी के जाते में पीस कर खत्म हो जाये ! “

“ नहीं ! “ पीकू अपनी माँ की ओर अधीरता से देखते हुए जवाब दिया।

“ अगर तुम मेरे साथ चलोगे तो, “ गब्बर चाचा ने पीकू को यकीन दिलाते हुए कहा, “ तुम पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बन जाओगे । मैं तुम्हें खाने के लिए अच्छा खाना और पहनने के लिए अच्छे कपड़े दूँगा; और जब तुम्हारा गाँव आने का मन हो तो तुम आ जाना । “

क्या पीकू दिल्ली जाकर खुश रह पाएगा? – Read this motivational story in Hindi

पीकू बिना कोई जवाब दिए अपनी माँ और अपने भाई की ओर देखा जो हाँ में सिर हिलाकर उसकी गब्बर चाचा के साथ दिल्ली जाने की हिम्मत बढ़ाया ।

पीकू दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गया; उसे इस बात की खुशी हुई कि जब वह चाहे-गाँव आ सकता है; पढ़-लिखकर एक बड़ा आदमी बन जाएगा; और साथ ही उसे खाने को अच्छा खाना और पहनने के लिए अच्छे कपड़े मिलेंगे ।

“ तो पीकू फिर हम चले ! “ गब्बर चाचा ने कहा, “ अपना सामान बांध लिये ? “

“ हाँ, “ पीकू बोला और अपनी माँ के हाँथ से अपने सामान की गट्ठरी ले लिया । “ माँ, मुझे जाना अच्छा नहीं लग रहा है । “

“ बेटा, कुछ पाने के लिए, कुछ खोना भी पड़ता है ! “ पीकू की माँ ने उसके सर पर हाँथ फेरते हुए कहा, “ बेटा, मन लगाकर पढ़ना और गब्बर चाचा जो कहे, उनकी बात मानना, ठीक है !”

“ ठीक है, माँ ! “ पीकू बोला और अपने भाई दीनू के पास गया । “ भईया, मैं चल रहा हूँ । “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ पीकू, मन लगाकर पढ़ाई करना । “ 

“ ठीक है, भईया !” पीकू बोला और गब्बर चाचा के पीछे चल पड़ा ।

जैसे-जैसे वह आगे बढ़ता जा रहा था,उसके दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी । वह बार-बार पलट कर अपने घर को तबतक देखता रहा जबतक उसकी आँखों से ओझल नहीं हो गया ।

“ इस तरह मुँह बनाकर मत चलो ! “ गब्बर चाचा ने पीकू की ओर पलटते हुए कहा, “ थोड़ा, चेहरे पर खुशी रखो; चाहे तुम खुश हो या नहीं ।

अगर, तुम इसी तरह से मुँह बनाकर चलोगे तो रास्ते भर मुझे लोगों को बताना होगा कि तुम उदास क्यों हो और मैं तुम्हें कहाँ ले जा रहा हूँ – कई सवाल खड़े हो जाएँगे, समझे ! “

पीकू बिना कुछ कहे हाँ में सर हिलाया और खुश दिखने का नाटक किया । जब-जब गब्बर चाचा की नजर उस पर पड़ती थी; वह खुश दिखने का नाटक करने लगता था और जब चाचा की नजर उस पर से हटती थी; वह उदास होकर घर के बारे में सोचने लगता था ।

दोपहर होने से पहले गब्बर चाचा पीकू को लेकर पटना रेलवे स्टेशन पहुँच गयें । उन्होंने ट्रेन पर चढ़ने से पहले पीकू को समझाया कि वह ट्रेन में कुछ इस तरह से रहे कि लोगों को लगे कि वह उनका ही बच्चा है । ( Best Motivational stories in Hindi)

पीकू गब्बर चाचा की बातों से सहमत हो गया; शायद इसलिए कि कहीं न कहीं उसके जेहन में बचपन का यह डर बैठा हुआ था कि अगर वह गब्बर चाचा की बात नहीं माना तो वे मुझे अकेला पाकर मेरा कान न काट ले !

जैसे ही ट्रेन पटना से दिल्ली के लिए रवाना हुयी; पीकू का दिल बैठ गया; वह परिवार से बिछड़ने के गम में जी भर कर रोना चाहता था पर गब्बर चाचा ने उसके उदास दिखने पर भी पाबंद लगाता था – रोने की बात तो बहुत दूर थी।

“ काश मैं उड़कर घर पहुँच जाता ! “ पीकू ट्रेन की खिड़की के बाहर देखते हुए सोच रहा था; अगर कोई खिड़की के बाहर से पीकू के रोनी सूरत को देखता तो उसके पास पीकू से करने के लिए कई सवाल होते;

जबकि ट्रेन के अंदर पीकू की सूरत को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वह परिवार का साथ छूटने से दुखी है ।

बहरहाल, गब्बर चाचा की एक बात पीकू के दुखी मन को शांति देती थी कि जब भी उसका का मन करे वह गाँव जा सकता था । 

“ पीकू, घर की याद आ रही है ? “ गब्बर चाचा ने पीकू से पूछा ।

“ नहीं ! “ पीकू खिड़की से नज़र हटाते हुए बोला, “ मैं बस वैसे ही बाहर देखते रहा था ।

“ बहुत अच्छे !” गब्बर चाचा ने पीकू के खुश दिख रहे चेहरे की तरफ देखते हुए कहा, “ तुम्हें घर की याद आनी भी नहीं चाहिए क्योंकि तुम एक बड़ा काम करने जा रहे हो मतलब पढ़-लिखकर एक बड़ा आदमी बनने जा रहे हो ।

तुम पढ़-लिखकर नवाब बन जाओगे जबकि गाँव के तुम्हारे दोस्त जिन्दगी भर आवारागर्दी करेंगे ।”

क्या पीकू सच-मुच पढ़ लिखकर एक बड़ा आदमी बन जाएगा? Best Motivational Stories In Hindi

गब्बर चाचा ने पीकू को दोस्तों की याद दिलाकर अन्दर से और दुखी कर दिया । पीकू अपने दोस्तों के साथ बिताए गए पलों के बारे में सोचने लगा कि वह अपने दोस्तों के साथ कितना मौज़-मस्ती किया करता था ।

“ क्या हुआ, तुम्हें ?” गब्बर चाचा ने पीकू को दिलाते हुए कहा, “ कहाँ खो गये ?”

“ चाचा, दोस्तों की याद आ गयी ! “ पीकू हड़बड़ाते हुए मुस्कुराकर जवाब दिया मानो अभी-अभी नींद से जागा हो, “ दोस्तों के साथ खेलना मुझे बहुत अच्छा लगता था ।“ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ तुम्हारे खेलने के दिन चले गए; अब तुम्हारे मेहनत करने के दिन आ गए हैं । अब तुम सब कुछ भूल जाओ – दोस्त, घर और परिवार ! “

“ चाचा, यह सब भूलने के लिए अभी मैं बहुत छोटा हूँ । “

“ तुम मेहनत करने के लिए बिहार से दिल्ली का सफ़र कर रहे हो, तुम छोटा कैसे हो सकते हो ?”

“ मेहनत करने के लिए बिहार से दिल्ली,” गब्बर चाचा के बगल में बैठे यात्री ने कहा, “ मतलब ! “

“ मतलब, यह बिहार से दिल्ली पढ़ने जा रहा है,” गब्बर चाचा ने पीकू की तरफ इशारा करते हुए कहा, “ बहुत होनहार बच्चा है, गाँव में कोई स्कूल नहीं है;

दिन भर खेलता रहता था तो मैंने सोचा कि इसे दिल्ली लेकर चलता हूँ और वहीं पर इसे अच्छी तालीम दिलाऊँगा; है तो मेरा ही बच्चा !”

“ तो यह बच्चा आपका है ? “

“ हाँ ! “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ वैसे बेटा, तुम पढ़-लिखकर क्या बनना चाहते हो ? “ यात्री ने पीकू से पूछा पर पीकू ने कोई जवाब नहीं दिया ।

उसने गब्बर चाचा की ओर अधीरता से देखा, शायद वह सोच रहा था कि इस प्रश्न का जवाब गब्बर चाचा के पास होगा क्योंकि अब मेरा भविष्य उन्हीं के हाँथ में है । 

“ इस प्रश्न का जवाब देने के लिए,” गब्बर चाचा ने कहा, “ मुझे लगता है कि पीकू अभी बहुत छोटा है !”

“ तो आप ही बता दीजिए कि आप इसे पढ़ा-लिखाकर क्या बनाना चाहते हैं ?” यात्री एक बार फिर बोला । 

“ मैं इसे पढ़ा-लिखाकर,” गब्बर चाचा ने थोड़ा गम्भीर दिख ने का नाटक करते हुए जवाब दिया, “ एक बड़ा बिजनेसमैन बनाना चाहता हूँ । “

क्या पीकू वाकई एक बड़ा बिजनेसमैन बनेगा? Best Motivational Story Hindi

गब्बर चाचा की बातों से पीकू को परिवार से बिछड़ने के गम से लड़ने की थोड़ी ताकत मिली ।

पीकू समझ नहीं पा रहा था कि कोई बिना किसी वजह और जरुरत के इतना मेहरबान कैसे हो सकता है; वो भी इस गरीब लड़के पर जिसके पास देने के लिए एक कौड़ी भी नहीं है ।

जैसे-जैसे ट्रेन भागती जा रही थी, वैसे-वैसे पीकू के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी; शायद इसलिए कि वह यह नहीं समझ पा रहा था कि गब्बर चाचा जो बोल रहे हैं,

उसमें कितनी सच्चाई है और उनके दिमाग में आखिर चल क्या रहा है । एक लम्बी दूरी तय करने के बाद आखिरकार पीकू गब्बर चाचा के साथ दिल्ली पहुँच गया । ( Best Motivational stories in Hindi)

वह ट्रेन से उतरने में काफी घबरा रहा था क्योंकि वह पहली बार इतने बड़े शहर में आया था । बहरहाल, वह गब्बर चाचा के ठीक पीछे ट्रेन से बाहर आया; प्लेटफॉर्म पर अधिक भीड़ होने की वजह से वह घबराहट में गब्बर चाचा के ठीक पीछे तेजी से चल रहा था ।

“ ज्यादा इधर-उधर मत देखो,” गब्बर चाचा ने पीकू से सख्त लहजे में कहा, “ ठीक मेरे पीछे चलते रहो ।“

पीकू बिना कुछ बोले तेजी से गब्बर चाचा के पीछे चलता रहा । वह बार-बार पलट कर उस ट्रेन को निहारता जा रहा था जिससे वह आया था;

शायद वह सोच रहा था कि अगर वह इस ट्रेन में फिर बैठ जाता तो यह  उसे दुबारा गाँव लेकर चली जाती पर उसके पास तो एक रुपया भी नहीं था कि वह दुबारा इस ट्रेन में बैठकर अपने गाँव जा सके ;

उसे डर था कि  अगर वह  बिना टिकट का जाए तो पुलिस वाले उसे पकड़ कर जेल में डाल देंगे ।

शायद पीकू को इस बात कि बिल्कुल खबर नहीं थी कि वह एक दिन पूरी दिल्ली पर राज करेगा; और उसके नाम का पूरी दिल्ली में जय-जयकार होगा ।

जब पीकू गब्बर चाचा के पीछे-पीछे स्टेशन के बाहर आया तो वह रोड पर भागती कारों, आसमान को छूती इमारतों और बड़ी-बड़ी दुकानों को देखकर काफी हैरान था क्योंकि वह पहली बार अपनी जिन्दगी में यह सब देख रहा था ।

क्या पीकू खुद को दिल्ली में संभाल पाएगा? Best Motivational Stories in Hindi

उसे यह उम्मीद नहीं थी कि दिल्ली इतनी सुन्दर होगी कि यह उसे मेले की तरह लगेगी । वह खुश था कि गब्बर चाचा उसे ऐसी जगह पर लेकर आये हैं, जहाँ उसके लिए हर दिन मेले जैसा होगा बशर्ते वह स्कूल जा सके ।

“ पीकू, तुम बहुत खुश दिख रहे हो !” गब्बर चाचा ने एक गली से गुजरते हुए कुटिलता से मुस्कुराते हुए कहा, “ बहुत जल्दी अपने परिवार को भूल गए; चलो, अच्छा हुआ, नहीं तो मुझे बहुत मशक्कत करनी पड़ती । “

पीकू को गब्बर चाचा की बात समझ में नहीं आ रहा थी, जैसे-जैसे गब्बर चाचा अपने घर की तरफ बढ़ रहे थे, वैसे-वैसे उनका व्यवहार बिगड़ता जा रहा था । उनका व्यवहार देखकर पीकू का मन घबराने लगा था कि उसके साथ आगे क्या होने वाला है ।

“ लो, आ गए घर ! “ गब्बर चाचा अपने घर की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए बोले । “ कैसा है, मेरा घर ? “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ बहुत अच्छा ! “ पीकू बोला और गब्बर चाचा के पीछे-पीछे सीढ़ियों से होकर अंदर गया ।

गब्बर चाचा का घर दिल्ली रेलवे स्टेशन से बहुत ज्यादा दूर नहीं था; रेलवे स्टेशन के सामने मुख्य रोड के दूसरी तरफ एक गली के अंतिम छोर पर था ।

घर काफी बड़ा और अच्छा था, घर के एक कमरे को छोड़कर जिसमें गब्बर चाचा रहते थे; बाकी सभी कमरे भाड़े पर दिए गए थे ।

“ चलो, तुम्हारे मौज-मस्ती का समय खत्म हो गया । “ गब्बर चाचा ने अपने कमरे का ताला खोलते हुए पीकू से सख्त लहजे में कहा, “ठीक हुआ कि तुम बहुत जल्दी अपने परिवार को भूल गये । “

“ मैं बस थोड़ा खुश थ ! “ पीकू बोला, “ मैं अपने परिवार को कैसे भूल सकता हूँ ।“ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ तुम्हें अपने परिवार को भूलना ही होगा ! “ गब्बर चाचा ने पीकू को अंदर कमरे में लाकर दरवाजा़ बंद करते हुए सख्ती से कहा, “ तुम कभी अपने गाँव नहीं जाओगे । “

“ पर चाचा आप तो कह रहे थे कि जब मेरा मन करेगा मैं गाँव जा सकता हूँ ! “ पीकू घबराते हुए रुँधे गले से कहा, “ अब आप कह रहे हैं कि मैं कभी गाँव नहीं जाऊँगा, क्यों ?”

“ क्योंकि मैं तुम्हें तुम्हारे भाई को दो लाख रुपए देकर लाया हूँ ।“

“ यह आप हमें पहले क्यों नहीं बताये ? “

“ अगर मैं तुम्हें पहले बता देता तो क्या तुम मेरे साथ आते । “ गब्बर चाचा ने कुटिलता से मुस्कुराते हुए कहा, “ तुम कभी यहाँ से भागने की कोशिश मत करना और हाँ, तुम लोगों को यह दिखाओगे कि तुम मेरे साथ बहुत खुश हो मतलब अब तुम वही करोगे जो मैं कहूँगा वरना तुम्हारा परिवार और तुम मारे जाओगे । मुझे बस गाँव में एक फोन करना है और तुम्हारा परिवार खत्म !

”पीकू इतना डर गया था कि उसके मुँह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था; वह सोच रहा था कि अगर परिवार को बचाना है तो मुझे वही करना होगा जो गब्बर चाचा बोलेगा !

“ और स्कूल । “ पीकू थोड़ी हिम्मत जुटाते हुए सहमी सी आवाज़ में बोला, “ क्या मैं अब स्कूल भी नहीं जाऊँगा ? “

“ स्कूल तो बस एक बहाना था । “ गब्बर चाचा ने कहा, “अब तुम बस वह करोगे जो सिर्फ मैं चाहता हूँ, कल मैं तुम्हें अपनी दुकान पर ले चलूँगा; वहीं तुम काम करोगे और वहीं तुम रहोगे, ठीक है ! “

“ ठीक है ! “ पीकू सहमी सी आवाज़ में बोला, अब उसके पास गब्बर चाचा की बात मानने के सिवाय दूसरा कोई चारा नहीं था क्योंकि उसके परिवार की जिन्दगी अब गब्बर चाचा के हाँथ में थी ।

अध्याय-तीन – पीकू की सबसे बड़ी हार- Inspirational Stories In Hindi

पीकू को उम्मीद थी कि उसके साथ कुछ न कुछ बुरा होने वाला है पर उसे यह उम्मीद नहीं थी कि उसके साथ इतना बुरा होने वाला है कि उसकी और उसके परिवार की जिन्दगी दाँव पर लग जाएगी ।

वह दिल्ली आकर बुरी तरह फँस चुका था; अब वह न तो घर जा सकता था और नहीं दिल्ली में सुकून से रह सकता था; यही नहीं उसे तो अपने सुख-दुख भी किसी से बाटने की छूट नहीं थी । ( Best Motivational stories in Hindi)

अगले दिन जैसा गब्बर चाचा ने कहा था, पीकू को उसके सामान के साथ अपनी दुकान पर ले गये ।

गब्बर चाचा दिल्ली के पहाड़गंज में चाय की दुकान चलाते थे; उनकी दुकान रोड के किनारे होने की वजह से बहुत अच्छी चलती थी ।

उनकी दुकान सुबह चार बजे से लेकर रात बारह बजे तक चलती रहती थी; यही वजह थी कि उनकी दुकान पर कोई काम नहीं करना चाहता था ।

पीकू को दुकान पर लाकर गब्बर चाचा बहुत खुश थे, शायद इसलिए कि पीकू दिन-रात काम करेगा और इसके बदले उसे देना कुछ भी नहीं है सिवाय दो वक्त की रोटी के ।

क्या पीकू अपने चाचा के चंगुल से बच पाएगा? Best Motivational Stories in Hindi

“ तो आज से यही तुम्हारा घर,” गब्बर चाचा ने कुटिलता से मुस्कुराते हुए कहा, “ और काम करने की जगह है; अपना सामान वहाँ रख दो । “

गब्बर चाचा ने दुकान के एक कोने की ओर इशारा करते हुए आगे कहा, “ नहाने-धोने के लिए दुकान के पीछे चले जाना; टॉयलेट में ही तुम्हारा नहाना धोना हो जाएगा ।“

गब्बर चाचा की ये बातें पीकू के मन में इतनी चुभ रही थीं कि उसकी आँखें भर आयीं; वह यह नहीं समझ पा रहा था कि कोई इतना बुरा कैसे हो सकता है । ( Best Motivational stories in Hindi)

“ ज्यादा सोचो मत ! “ गब्बर चाचा ने उदास पीकू को आदेश दिया, “ इस तरह से मुँह मत बनाओ; हमने पहले ही कह दिया है कि लोगों को यह नहीं लगना चाहिए कि हम तुम्हें यहाँ जबरदस्ती लाये हैं वरना तुम जानते हो तुम्हारे साथ क्या हो सकता है; अच्छा होगा कि तुम काम में लग जाओ और खुश दिखने की कोशिश करते रहो । “

“ क्या काम करुँ ? “ पीकू सहमी सी आवाज़ में बोला ।“ झाडू़ उठाओ और पूरी दुकान की सफाई करो । “ गब्बर चाचा ने रौब झाड़ते हुए कहा, “ फिर जूठे पड़े गिलासों को अच्छे से धो देना; जल्दी करो, ग्राहकों के आने का समय हो गया है । “

“ अभी कर देता हूँ ! “ पीकू बोला और बूझे मन से काम में जूट गया । जब भी गब्बर चाचा की नज़र पीकू पर पड़ती थी, वह खुश दिखने की पूरी कोशिश करता रहता था ।

क्या पीकू अब कभी खुश नहीं रहेगा? Best Motivational Story in Hindi

पीकू को सिर्फ दुकान पर ही काम नहीं करना पड़ता था बल्कि उसे गब्बर चाचा के दोस्तों के यहाँ किसी खास अवसर पर काम करने जाना पड़ता था जिसके बदले उसे खाने के लिए एक दिन अच्छा खाना मिल जाता था जबकि बाकी दिन गब्बर चाचा के अत्याचार वाली सूखी रोटी के साथ प्याज का एक टूकड़ा नसीब होता था ।

हालाँकि पीकू के दिन की शुरुआत एक दर्दनाक ऐहसास के साथ होती थी; उसे उस भयानक बदबू से भरे सार्वजनिक टॉयलेट में नहाना पड़ता था जहाँ लोग टॉयलेट करने जाना भी पसंद नहीं करते थे;

बहरहाल पीकू इस सब के बावजूद गब्बर चाचा के सामने खुश दिखने की कोशिश में लगा रहता था; शायद इसलिए कि उसके मन में इस बात का डर बैठ गया था कि कहीं अगर वह कोई गलती करता है तो गब्बर चाचा उसे और उसके परिवार को जान से मार देंगे । ( Best Motivational stories in Hindi)

पीकू को सुबह चार बजे से लेकर रात बारह बजे तक एक पल का भी चैन नहीं मिलता था । वह सुबह से लेकर रात बारह बजे तक चाय की दुकान पर आने वाले दिल्ली वालों को चाय पिलाता था और उनके जूठे गिलासों को चमकाता रहता था और साथ ही अपनी आजादी के बारे में सोचता रहता था।

हालाँकि उसके लिए गब्बर चाचा के चंगुल से आजाद होना आसान था; बहरहाल परिवार के मारे जाने की चिंता से उसके कदम रुक जाते थे ।दुकान पर आने वाला हर ग्राहक उसे पीकू चायवाला के नाम से बुलाता था ।

पीकू को इस बात की खुशी थी कि दिल्ली में उसे लोग जानने लगे थे पर उसे इस बात का दुख भी था कि उसका दुख-दर्द बाँटने वाला कोई नहीं था ।

पीकू कभी भी अपने दुख-दर्द की कहानी किसी को नहीं बताता था, शायद उसे इस बात का डर था कि कहीं कहानी सुनने वाला गब्बर चाचा का चाहने वाला न निकल जाये वरना सब गड़बड़ हो जाएगा ।

पीकू किसी को अपने संघर्ष की कहानी बताए या ना बताए पर दिल्ली शहर उसके हर पल की खबर रख रही थी शायद इसलिए कि उसे पता था कि यह लड़का आज नहीं तो कल उस पर राज करने वाला है ।

हालाँकि पीकू को बिहार से दिल्ली आए हुए एक-एक दिन कर आठ साल गुजर गये; बहरहाल आज भी गब्बर चाचा का अत्याचार कम नहीं हुआ था; वह आज भी पीकू को किसी बात को लेकर उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देता रहता था । ( Best Motivational stories in Hindi)

पीकू को आज भी खाने के लिए रुखी-सूखी रोटी और पहनने के लिए फटे-पूराने कपड़े मिलते थे; अगर इतने सालों में पीकू के लिए कुछ अच्छा हुआ था तो वह था कि उसे दिल्ली में पीकू चायवाला के नाम से जानने वाले बहुत हो गये थें ।

पीकू जैसे-जैसे बढ़ रहा था वैसे-वैसे उसकी जरुरतें भी बढ़ती जा रही थी जिसे वह गब्बर चाचा के चंगुल में रहकर पूरा नहीं कर सकता था ।

वह हर दिन यही सोचता था कि अगर परिवार की चिंता न होती तो वह आज का आज गब्बर चाचा के चंगुल से निकल कर भाग जाता और कुछ नया करता ।

पीकू दिल्ली वालों को चाय भी पिलाता था और उनकी बातें भी बहुत ध्यान से सुनता था, शायद यही वह वजह थी कि पीकू पहले से ज्यादा चालाक और समझदार हो गया था ।

वह ग्राहकों की बातें ऐसे सुनता था मानों वह कुछ सुन ही नहीं रहा हो; वैसे भी किसी को क्या फर्क पड़ता था कि पीकू उनकी बातें सुन रहा है ।

पीकू की जिन्दगी किस तरफ करवट बदलेगी – Best Motivational Story in Hindi

थोड़ा जल्दी-जल्दी काम करो ! “ गल्ले पर बैठे गब्बर चाचा ने सख्त लहजे में कहा, “ कामचोरों की तरह काम मत करो वरना तुम जानते हो !”

“ बहुत अच्छी तरह से !” पीकू थोड़ा गुस्से से बोला क्योंकि आठ साल से गब्बर चाचा की धमकी सुन-सुन कर उसका दिमाग खराब हो गया था । “ आदमी हूँ, मशीन नहीं हूँ ।“ पीकू बोला और ग्राहकों को चाय देने चला गया ।

वह जिस टेबल पर चाय दे रहा था, उसके बगल वाले टेबल पर दो ग्राहक बहुत गंभीर दिख रहे थे ।

“ क्या हुआ, साहब ? “ पीकू गंभीर दिख रहे दोनों ग्राहकों के टेबल पर चाय के दो गिलास रखते हुए बोला, “ पहले कभी आप लोगों ऐसे परेशान नहीं देखा ।“

“ कुछ बात ही ऐसी है, पीकू !” दोनों ग्राहकों में से अधिक परेशान दिख रहे ग्राहक ने कहा, “ मेरा बहुत नुकसान हो रहा है । “

“ कैसा नुकसान साहब ! “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ बिजनेस का नुकसान ! “ बिजनेस का नाम सुनते ही पीकू के मन में उथल-पुथल मच गयी; उसे अपने बिजनेस के दिन याद आ गयें; जब वह दस साल का था तो किस तरह से पानी बेचकर पैसा कमाता था ।

“ अरे, पीकू, कहाँ खो गये ?” गंभीर दिख रहे दूसरे ग्राहक ने कहा ।“ कुछ पूराने दिन याद आ गयें ।

“ पीकू बोला, “ मैं भी कभी बिजनेस करता था, मेरे बिजनेस में इतने लोग आ गए कि मेरा बिजनेस दो-तीन महीने ही खत्म हो गया और मैं यहाँ आ गया ।“

“ किस चीज़ का बिजनेस करते थे ।“

“ पानी बेचता था ।“

“ और अब चाय बेच रहे हो ।“

“ यह मेरा बिजनेस नहीं है, मैं तो यहाँ बस…..कुछ नहीं !”

“ हमारे साथ काम करोगे, बहुत अच्छा कमाओगे ।”

“ मैं इस दुकान को छोड़कर नहीं जा सकता । “ पीकू गल्ले पर बैठे गब्बर चाचा की ओर देखते हुए कहा जो किसी से बात करने में इतने खोए थे कि पीकू कुछ समय के लिए उनकी निगाहों से आजाद हो गया था ।

“ कौन कहता है कि तुम दुकान छोड़कर हमारे साथ लगो,” दोनों ग्राहकों में से अधिक परेशान दिख रहे ग्राहक ने कहा, “ जब तुम्हारे पास समय हो तब तुम करो ।“

“ मेरे पास तो बस रात बारह बजे से लेकर सुबह चार बजे तक समय होता है ।“

“ हमारे बिजनेस के लिए यह समय बहुत ही अच्छा है । “ दोनों ग्राहकों ने एक दूसरे की तरफ देखकर कहा ।“ इसमें पुलिस का लफड़ा भी नहीं होगा । “ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ पुलिस का लफड़ा मतलब ? “ पीकू अधीरता से कहा, “ क्या इस बिजनेस में कोई गड़बड़ है ? “

“ बिल्कुल नहीं,” दोनों ग्राहकों में से एक ने कहा, “ पुलिस वाले कमिशन बहुत ज्यादा खाते हैं, इसलिए बहुत छिप-छिपाकर बिजनेस करना पड़ता है । पुलिस वालों के डर से इस बिजनेस में कोई आना नहीं चाहता है ।“

“ मतलब इस बिजनेस में ज्यादा लोग नहीं होते ?”

“ बिल्कुल नहीं, एक शहर में तीन से चार लोग ।“

“ तब तो यह बिजनेस बहुत अच्छा चलेगा ।“ पीकू बोला जो बार-बार गब्बर चाचा को पलट कर देख रहा था कि कहीं वे उसे देख तो नहीं रहे हैं । “ मैं तैयार हूँ ।“

“ तो आज रात बाहर बजे एक आदमी तुम्हारे पास आएगा,” दोनों ग्राहकों में से एक बोला, “ वह आदमी तुम्हें पता के साथ पाउडर का एक पैकेट देगा जिसे तुम्हें दिए पते पर पहुँचाना होगा ।“

“ मुझे पैसा कैसे मिलेगा ?”

“ अगर तुम अच्छे से काम खत्म कर लोगे तो मैं तुम्हें एक काम का पांच हजार दूँगा ।“ ग्राहक ने कहा, “ मैं यह पैसा तुम्हें अगले दिन इसी टेबल पर दूँगा; इस बारे में किसी को कानों-कान खबर नहीं होगी, ठीक है, तो रात बारह बजे तैयार रहना ।“

“ हाँ, मैं बिल्कुल तैयार रहूँगा ।“ पीकू बोला, “ पाँच हजार एक काम का – बिजनेस अच्छा है ।“

क्या पीकू उन दोनों ग्राहकों की वजह से बुरी तरह फंस जाएगा? Motivational Story in Hindi

गब्बर चाचा हर दिन की तरह पीकू को साढ़े ग्यारह बजे दुकान की चाभी देकर चले गये । पीकू गब्बर चाचा के जाने के बाद हर दिन की तरह पूरी दुकान में झाडू़ लगाया और जूठे गिलासों को साफ किया ।

पीकू उस आदमी का बेसब्री से इंतजार कर रहा था जो पते के साथ पाउडर का एक पैकेट लेकर आने वाला था ।

पीकू उसके इंतजार में दुकान बंद करके बाहर टहल रहा था; कुछ ही समय बीता होगा कि वह आदमी उसके सामने आकर किसी भूत की तरह खड़ा हो गया ।

“ क्या तुम्हारा ही नाम पीकू है ? “ उस आदमी ने थोड़ा रौबदार आवाज़ में कहा, “ तुम इस काम के लिए अभी बहुत छोटे हो ।“

“ मैं छोटा हूँ पर मैं आपका काम कर दूँगा ।“

“ क्या सच-मुच तुम कर पाओगे ?”

“ हाँ, मैं कर लूँगा, आप काम तो दीजिए ।“

“ बड़े उतावले हो ।“ उस आदमी ने पाउडर से भरे पैकेट को पीकू देते हुए कहा, “ यह पैकेट इस पते पर पहुँचा दो पर ध्यान से ।“

“ आप चिंता न करें;” पीकू पैकेट की ओर देखते हुए बोला, “ यह अपने सही जगह पर पहुँच जाएगा ।“ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ ठीक है, तो मैं चलता हूँ ।“ उस आदमी ने कहा और चला गया । उस आदमी के जाने के बाद पीकू बहुत ही चालाकी और समझदारी से पुलिस वालों की नजर से बच-बचाकर दिए गए पते पर पहुँच गया ।

जैसे ही पीकू वहाँ पहुँचा, उसके इंतजार में पहले से ही वहाँ दो लोग मौजूद थे । पीकू को इस बात की हैरानी हो रही थी कि सब उसका नाम जानते जिनसे वह कभी मिला भी नहीं था ।

दोनों आदमी पीकू को अपने साथ तीसरे आदमी के पास ले गयें ।

“ पीकू, आ जाओ ।“ तीसरे आदमी ने पीकू को अपने पास बुलाया ।

“ इस बिजनेस में आने वाले तुम सबसे कम उम्र के लड़के हो । कैसे कर लेते हो; इतना सब कुछ, सुबह चार बजे से रात बारह बजे तक चाय की दुकान पर काम फिर यह सब कैसे ? “

“ बस हो जाता है, साहब !” पीकू अपने साथ लाए पैकेट को उस आदमी को देते हुए बोला, “ पर आपको कैसे पता कि मैं चाय की दुकान पर काम करता हूँ ?”

“ जो लोग मेरे पास आते हैं, उनके आने से पहले मुझे उनके बारे में पूरी जानकारी दी जाती है ।“ पैकेट लेने वाले आदमी ने कहा, “ इस काम की कीमत तुम तक पहुँच जाएगा; अब तुम जा सकते हो ।“

“ अगर कुछ खाने को मिल जाता तो; पीकू दबी आवाज़ में बोला, “ सुबह से कुछ नहीं खाया !”

“ सुबह से तुम कुछ नहीं खाये ? “

“ नहीं !”

“ इसको ले जाओ और” तीसरे आदमी ने अपने दोनों साथियों से कहा, “ भर पेट खाना खिलाओ; बेचारा सुबह से कुछ नहीं खाया है।“

क्या इस काम को करके पीकू की जिन्दगी बदल जाएगी? Motivational Stories in Hindi

पीकू खाना खाने के बाद वहाँ से निकल गया । किसी को इस बात की जरा सी भी खबर नहीं थी कि पीकू कब कहाँ गया और कब आया; यहाँ तक कि गब्बर चाचा को भी इस बात की जानकारी नहीं हुयी ।

पीकू को शाम होने से पहले पैकेट पहुँचाने के काम की कीमत मिल गयी ।

उसे यह सब किसी सपने की तरह लग रहा था कि एक छोटा सा काम करके इतना सारा पैसा और खाने के लिए अच्छा खाना कैसे मिल सकता है ।

पीकू इस बात से काफी खुश था कि उसे उसके चाहने वाले मिल गए थे जो उसे अच्छे पैसे के साथ-साथ खाने के लिए अच्छा खाना और पहनने के लिए अच्छे कपड़े भी देंगे बशर्ते पीकू उनका काम ईमानदारी से करता रहे ।

गब्बर चाचा के अत्याचार का मारा पीकू उन अजनबियों के लिए कुछ भी करने को तैयार था । जैसे-जैसे पीकू उन अजनबियों का काम करता गया वैसे-वैसे उसके और अजनबियों के बीच नजदीकियाँ बढ़ती गयी ।

वह उनका हर काम बहुत ही समझदारी और चालाकी से करता था; शायद यही वह वजह थी कि वह उनके खास लोगों में से एक हो गया था क्योंकि रात बारह बजे से लेकर सुबह चार बजे तक उसका उन्हीं के साथ खाना-पीना और सोना होता था । ( Best Motivational stories in Hindi)

पीकू को गब्बर चाचा के अलावा दूसरा मालिक मिल गया था जो पीकू को अपने लड़के की तरह मानता था । उसे उसके गैंग के लोग रमन गुरु के नाम से बुलाते थे ।

वह पीकू की इमानदारी और समझदारी का कायल था; वह पीकू से कहता रहता था कि वह एक दिन बहुत नाम कमाने वाला है, बशर्ते वह अपनी तकदीर का फैसला खुद करे ।

एक दिन पीकू काम खत्म करने के बाद बहुत ही दुखी मन से अपने दूसरे मालिक रमन गुरु के पास पहुँचा । वह आज अपने दिल की सारी बात बोल देना चाहता था; रोज-रोज मरने से अच्छा था कि एक ही दिन मर जाये ।

क्या पीकू अपना तकदीर खुद बदलेगा? Best Motivational Story In Hindi

“ क्या हुआ, पीकू ?” रमन गुरु ने दुखी दिख रहे पीकू से पूछा, “ तुम आज बहुत परेशान लग रहे हो; क्या बात है – क्या तुम हमारे साथ काम नहीं करना चाहते हो ? “

“नहीं ऐसी बात नहीं है,” पीकू दुखी मन से बोला, “ मुझे गाँव से दिल्ली आए हुए लगभग आठ साल पांच महीना हो रहा है पर एक दिन भी मैं चैन से नहीं सो पाया हूँ ।“

“ क्यों ?”

“ मेरा पड़ोस का चाचा, मुझे पढ़ाने की झूठी कहानी बना कर मुझे दिल्ली लाया और अपनी दुकान पर गिलास धोने के लिए लगा दिया ।

वह मुझे आठ साल से धमकी दे रहा है कि अगर मैं भागने की कोशिश किया तो वह मुझे और गाँव में रह रहे मेरे परिवार को जान से मरवा देगा । मुझे समझ में नहीं आता,मैं क्या करुँ ?”

“ ओ हो ! “ रमन गुरु ने कहा, “ तुम्हारी कहानी वाकई दुख भरी है ।“

“ मैं उस आदमी से आजाद कैसे हो पाऊँगा ?” पीकू बदले भरी भावना से बोला ।“ ऐसे लोगों से पार पाना बहुत आसान है ।“ रमन गुरु के पास खड़े साथियों में से एक ने कहा, “ जैसे ही रात में दुकान से निकल रास्ते में काम तमाम हो जाये ।“ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ पीकू, तुम्हें वाकई आजाद होना है ?” रमन गुरु ने कहा ।“ हाँ, जैसे भी हो, मै उस आदमी के चंगुल से निकलना चाहता हूँ,” पीकू बोला जो वाकई गब्बर चाचा से पार पाना चाहता था । “ उसका काम तमाम करने में कितना खर्च आएगा ?”

“ दुकान कौन चलाएगा ?”

“ उनके मरने बाद दुकान मैं ही चलाऊँ । “ पीकू ने कहा, “ मुझे नहीं लगता कि उनके मरने के बाद कोई दुकान लेने का दावा करे; वैसे भी उनका अपना कोई नहीं है सिवाय कमीने दोस्तों के जिससे गाँव में हर गलत काम करवाता है;

इसके मरने के बाद वे भी गाँव छोड़कर भाग जाएँगे क्योंकि उनकी मदद करने वाला कोई नहीं होगा ।“

“ तब तो ठीक है, “ रमन गुरु ने कहा, “ उसे मारने के लिए बाहर से आदमी बुलाना होगा जो कभी किसी के हाँथ न आये । “

“ कितना खर्च होगा ?”

“ यही लगभग पचास हजार ।“

क्या गब्बर चाचा को जान से मरवाना पीकू के लिए सबसे बड़ी हार थी? Read best motivational Story in Hindi

“ उतना तो हमारे पास है ।“ पीकू बोला, “ आप लोगों का पैसा आप लोगों को ही दे देते हैं, बस मेरा काम कर दीजिए ।“

“ हमारा पैसा हमीं को !” रमन गुरु ने कहा, “ रहने दो तुम्हारा काम कल रात को हो जाएगा ।“

“ क्या मुझे वाकई उस अड़ियल चाचा से छुटकारा मिल जाएगा ?” पीकू थोड़ा खुश होकर बोला, “ उसने मुझे बहुत सताया, कोई दुश्मन भी अपने दुश्मन के साथ नहीं करता जो उसने मेरे साथ किया ।

अगर आप लोगों का साथ न मिलता तो शायद मैं कभी आजाद नहीं हो पाता ।“ उसने रमन गुरु और उसके साथियों की तरफ देखते हुए आगे कहा, “ उसको ऐसी जगह पर गोली मारना कि वह तुरन्त मर जाये ।“ ( Best Motivational stories in Hindi)

“वह रात में दुकान से कितने बजे निकलता है ?” रमन गुरु के साथियों में से एक ने कहा ।“ वही लगभग साढ़े ग्यारह बजे ।“ पीकू बोला, “ मैं बारह बजे दुकान बंद करता हूँ ।“

“ जैसे ही तुम्हारे चाचा को गोली लगेगा,” रमन गुरु ने पीकू को समझाया, “ वैसे ही तुम दुकान बिना बंद किये गोली की आवाज़ पीछा करना और वहाँ पहुँच कर अपने चाचा के गले लगकर जोर-जोर से रोने का नाटक करना । हमारे कुछ आदमी पीछे से वहाँ पहुँचेंगे और वे तुम्हारे चाचा की अंतिम विदाई में तुम्हारा साथ देंगे ।“

“ जैसा आप बोलें हैं, ठीक वैसा ही होगा ।“ पीकू ने कहा, “ अब मैं चलता हूँ, कल रात में यह काम हो जाए-चुके ना ! “

क्या पीकू की अपने चाचा को ऊपर भेजने की रणनीति काम आएगी? Read best motivational Stories in Hindi

गब्बर चाचा को जान से मरवाना पीकू के लिए सबसे बड़ी हार थी क्योंकि उसे अपनी और अपने परिवार की आजादी के लिए अपनी इंसानियत को दाँव पर लगाना पड़ा ।

अगर वह गब्बर चाचा को न मरवाता तो वह कभी उसके चंगुल से आजाद नहीं हो पाता; हालाँकि गब्बर चाचा के मरने के लगभग दो-तीन महीनें खुब जाँच चला पर किसी का नाम सामने नहीं आया ।

आजादी के बाद पीकू को चाय की दुकान मिल गयी और वह अपने हिसाब से दुकान खोलता और बंद करता था ।

अध्याय-चार – पीकू के जीत का जश्न – Short Motivational Story Hindi

पीकू अब कुछ भी करने के लिए आजाद था; क्या सही है और क्या गलत, वह खुद तय करता था ।

पीकू सुबह सात बजे से लेकर शाम सात बजे तक चाय की दुकान चलाता था और बाकी समय कुछ नया करने की कोशिश में लगा रहता था ।

वह अपनी दुकान पर ग्राहकों को चाय देने के लिए दो आदमी काम पर रखा था । पीकू के आजादी का सिपाही रमन गुरु और उसके साथी एक बड़ा गैरकानूनी हेराफेरी में के चक्कर में जेल की रोटी तोड़ रहे थे ; पीकू आज भी उनसे मिलने जेल पहुँच जाता था ।

रमन गुरु और उसके साथी पीकू को राजनीति में आने के लिए दबाव बनाते थे और हर बार पीकू यह कह कर टाल देता था पीकू चायवाला राजनीति में यह कैसे हो सकता है । ( Best Motivational stories in Hindi)

रमन गुरु और उसके साथी यह अच्छे से जानते थे कि अगर पीकू राजनीति में आ जाए तो वह उन्हें जेल से निकाल लेगा ।

बहरहाल, पीकू पढ़-लिखकर एक बड़ा बिजनेसमैन बनाना चाहता था; शायद यही वह वजह थी कि वह आज भी स्कूल जाना चाहता था पर उम्र अधिक होने की वजह से उसे स्कूल में दाखिला नहीं मिला;

वह अपने खास परिचित अंग्रेजी के अध्यापक दीनू मास्टर के घर पर रात में अंग्रेजी सीखने जाता था ।

दीनू मास्टर से उसकी मुलाकात उसके चाय की दुकान पर हुई थी; वह दीनू मास्टर को रोज फ्री में चाय पिलाता था । उसकी और दीनू मास्टर की खूब बनती थी;

पीकू के पढ़ने की इच्छा को देखकर दीनू मास्टर ने उसे पढ़ाने का बिड़ा उठाया था ।हर दिन की तरह पीकू आज भी दुकान बंद करने के बाद अंग्रेजी सीखने दीनू मास्टर के घर पहुँचा ।

आपको क्या लगता है, पीकू राजनीति में जाएगा या बिजनेसमैन बनेगा? Read this motivational stories in Hindi

“ गुरु जी !” पीकू दीनू मास्टर के घर का दरवाजा़ खटखटाते हुए बोला, “ मैं पीकू ।“

“ आ रहा हूँ, भाई !” अंदर से दीनू मास्टर की आवाज़ आयी । “ आज तुम्हें बहुत देर हो गयी ?” दीनू मास्टर ने दरवाजा़ खोलते हुए कहा, “ कहाँ रह गए थे ? तुम्हारा इंतजार करते-करते मैं सोने चला गया था ।“

“ माफी चाहता हूँ, गुरु जी ।“ पीकू बोला और दीनू मास्टर के सामने पड़ी कुर्सी में बैठ गया । “ गुरु जी आज पढ़ायेंगे ना ?”

“ हाँ, क्यों नहीं ।“ दीनू मास्टर ने पीकू के सामने वाली कुर्सी में बैठते हुए कहा, “ पीकू, मैं तुम्हें कुछ पढ़ाऊँ; उससे पहले मैं तुमसे कुछ पूछना चाहता हूँ ।“

“ हाँ, गुरु जी, पूछिए-क्या पूछना चाहता हैं ?”

“ यही कि तुम्हारा गाँव कहाँ है ?”

“ मैं बिहार का रहने वाला हूँ ।“

“ तुम दिल्ली में कैसे ?”

“ गुरु जी यह बहुत दुख भरी कहानी है जिसे मैं दोहराना नहीं चाहता हूँ;” पीकू बोला, “ अब मैं पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहता; मैं तो सिर्फ आगे बढ़ता चाहता हूँ ।“

“ तुम्हें दिल्ली आए हुए कितने साल हो गये हैं । “

“ मुझे दिल्ली आए हुए तेरह साल हो गए हैं !”

“ इतने सालों में तुम गाँव कितनी बार गये ?”

“ एक बार भी नहीं !” पीकू थोड़ा दुखी मन से बोला, “ मैं कुछ बन जाऊँ फिर गाँव जाऊँगा ।“

“ तुम क्या बनना चाहते हो ?”

“ मैं एक बड़ा बिजनेसमैन बनना चाहता हूँ; जबकि मेरे दोस्त कहते हैं कि मैं राजनीति में आ जाऊँ ।“

“ तुम्हारे दोस्त ठीक तो कहते हैं;” दीनू मास्टर ने कहा, “ अगर तुम्हारे जैसा युवा राजनीति में आ जाये तो इस देश का भाग्य चमक जाएगा।“ ( Best Motivational stories in Hindi)

“ पर गुरु जी,” पीकू बोला, “ राजनीति में आने के लिए खुद की एक पहचान होनी चाहिए ।“

“ बेटा, अपने काम को ही अपनी पहचान बनालो ।“

“ मतलब गुरु जी, पीकू चायवाला !”

“ हाँ, तुम अपने इस नाम को पूरी दिल्ली में फैला दो ।“

“ वो कैसे गुरु जी ?”

“ दिल्ली शहर के हर नुक्कड़ पर अपने नाम का फ्री टी-स्टॉल लगाकर लोगों को फ्री में चाय पिलाओ; और अपने नाम का प्रचार करो; अभी चुनाव के लिए तुम्हारे पास दो साल हैं ।“ दीनू मास्टर ने राजनीति में आने के लिए पीकू का उत्साह बढ़ाया । “ मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम यह चुनाव जीत जाओगे और हमारे शहर को एक होनहार संघर्षशील नेता मिल जाएगा ।“

“ क्या सचमुच गुरु जी, मैं यह चुनाव जीत जाऊँगा ?” पीकू खुश होकर बोला, “ अगर ऐसा हो गया तो मैं दिल्ली शहर को एक शानदार शहर बना दूँगा ।“

“ पीकू अभी से वादा !” दीनू मास्टर ने कहा, “ पहले नाम बनाओ; चुनाव जीतो फिर वादा करो ।“

“ तो मुझे नाम बनाने के लिए प्रयास शुरु कर देना चाहिए ।“

“ हाँ, तुम प्रयास शुरु कर दो ।“ दीनू मास्टर ने कहा, “ अब, चलो कुछ पढ़ लो ।“

“ हाँ, गुरु जी !” पीकू बोला, “ अगर अंग्रेजी नहीं सीखूँगा तो विदेशों में भाषण कैसे दूँगा ।“ पीकू की इस बात पर दीनू मास्टर जोर-जोर से हँसे ।

वे पीकू को पढ़ना और लिखना सीखा चुके थे, बस वे कोशिश कर रहे थे कि उसे अंग्रेजी बोलना भी आ जाये ।

क्या पीकू चुनाव लड़ेगा या हार मान लेगा? Best Motivational stories in Hindi

दीनू मास्टर पीकू को अंग्रेजी सीखाने के लिए जितनी मेहनत करते थे; उतना ही मेहनत  पीकू भी अंग्रेजी सीखने के लिए करता था, वह जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी अंग्रेजी सीख लेना चाहता था ।

पीकू को बात समझ में आ गयी थी कि अब उसे करना क्या था; वह सबसे पहले राजनीति करेगा फिर उसके बाद अपना बिजनेस शुरु करेगा ।

दीनू मास्टर ने पीकू को दिल्ली का नेता बनने का सपना दिखा दिया था; पर पीकू को इस बात की चिंता सता रही थी कि वह पूरी दिल्ली को फ्री में चाय कैसे पिलाएगा;

उसके पास तो इतना पैसा नहीं था कि वह पूरी दिल्ली को दो साल तक फ्री में चाय पिला सके; उसके पास जो भी पैसे है, उसमें दिल्ली का एक कोना भी नहीं पी पाएगा, पूरे शहर की बात तो दूर की थी । ( Best Motivational stories in Hindi)

जब पीकू को कई दिनों तक नाम बनाने का कोई रास्ता नहीं सूझा तो उसके मन में रमन गुरु से मिलने का ख्याल आया और वह बिना देर किए  रमन गुरु से मिलने जेल पहुँच गया ।

जब भी पीकू रमन गुरु और उसके साथियों से मिलने जेल जाता था तो रमन गुरु और उसके साथी उसे देखकर बहुत खुश होते थे क्योंकि पीकू ही एक ऐसा इकलौता शख्स था जो उनसे मिलने जेल आता था ।

हर बार की तरह आज भी रमन गुरु और उसके साथी पीकू को सामने देखकर बहुत खुश थे; वे पीकू को अपने बच्चे की तरह देखते थे; यही नहीं वे उसे गले लगाकर यह ऐहसास कराना चाहते थे कि वह दिल्ली शहर में अकेला नहीं है, उसके सर पर भी किसी का हाँथ है ।

रमन गुरु और उसके साथियों को जेल में देखकर पीकू का दिल बैठ जाता था; शायद इसलिए उसे जेल आना अच्छा नहीं लगता था; पर वह करे तो क्या – जब कोई काम फँस जाता था तो उसे आना ही पड़ता था ।

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“ मैं राजनीति में आने के लिए तैयार हूँ ।“ पीकू ने रमन गुरु से कहा ।

“ यह मैं क्या सुन रहा हूँ !” रमन गुरु हैरान होकर बोला, “ मेरा पीकू राजनीति में आने के लिए तैयार हो गया ।“

“ क्या तुम सचमुच राजनीति में आने के लिए तैयार हो गये ?” रमन गुरु के साथियों में से एक ने कहा, “ यह तो बहुत अच्छी बात है !”

“ मुझे लगता है, राजनीति में आकर, मैं दिल्ली के लिए बहुत कुछ कर सकता हूँ !” पीकू बोला, “ पर इसके लिए मुझे अपना नाम बनाना होगा ।“

“ नाम बनाओ, तुम्हें कौन रोक रहा है ?” रमन गुरु ने कहा, “ आज से ही तुम अपना नाम बनाना शुरु कर दो ।“

“ पर नाम बनाने के लिए पैसा कहाँ से आएगा ।“ पीकू थोड़ा चिंतित दिखते हुए बोला, “ क्या कोई रास्ता है ?”

“ है ना,” रमन गुरु ने कहा और पीकू को और पास आने का इशारा किया ताकि उनकी बातें कोई और ना सुन सके । “ जाओ और जाकर वहाँ से जितना जरुरत हो उतना पैसा ले लो ।

हमारा पैसा तुम्हारे काम आ जाए, इससे बढ़कर हमारे लिए कोई बात नहीं है ।“

रमन गुरु ने पीकू को वह जगह बतायी जहाँ पर वह अपनी जिन्दगी भर की कमाई छिपाकर रखा हुआ था । जब से रमन गुरु और उसके साथी जेल में आए थे,

तब से उनके सोचने का अंदाज बदल गया था; अब उन्हें पीकू के साथ-साथ दिल्ली और दिल्ली वालों से गहरा लगाव हो गया था ।

पीकू राजनीति की तैयारी में लग गया; वह रमन गुरु के छिपाए गए पैसे से पूरे शहर में अपने नाम से फ्री टी-स्टॉल लगाकर लोगों को फ्री में चाय पिलाना शुरु कर दिया देखते-देखते दो साल में इतना मशहूर हो गया कि पूरा शहर उसे पीकू चायवाला के नाम से जानने लगा । ( Best Motivational stories in Hindi)

पीकू अपने नाम का प्रचार करके सांसद का चुनाव जीत गया; पूरा शहर उसकी जीत की कहनी बनाने लगा कि चाय बेचकर सांसद का चुनाव लड़ना कोई छोटी बात नहीं है;

जरुर इस लड़के में वह बात है जो एक नेता में होनी चाहिए; यह लड़का एक न एक दिन मुख्य मंत्री भी बन जाएगा । हमें लगता है यह दिल्ली के लिए बहुत कुछ करेगा ।

पूरा शहर पीकू की जीत का जश्न मानने में डूब गया; उन्हें खुशी थी कि दिल्ली को एक युवा सांसद मिल गया ।

पीकू चुनाव जीतने के बाद अपनी जिम्मेदारी पर रमन गुरु और उसके साथियों को जेल से बाहर निकाला;

अपने परिवार से मिलने दिल्ली से बिहार गया और उसने रमन गुरु और दीनू मास्टर को धन्यवाद दिया कि उनकी वजह से उसकी जिन्दगी बदल गयी थी ।

रमन गुरु और उसके साथियों ने भी पीकू से वादा किया कि वे जिन्दगी में कभी कोई गलत काम नहीं करेंगे, वो अब वही करेंगे जो पीकू बोलेगा ।

मैं आशा करता हूँ कि आपको बताए गए यह Motivational Story in Hindi पढ़ना अच्छा लगा होगा; यदि हाँ, तो आप इस Motivational stories in Hindi को अपने दोस्तों को शेयर जरूर करें.

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